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Moong Purchase MP: मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी को लेकर पंजीयन जल्द शुरु, सरकार के देरी से फैसला लिए जाने पर भड़के किसान - MP Registration for moong purchase at minimum support price

मध्यप्रदेश के किसानों की मूंग खरीदी का रजिस्ट्रेशन 18 जुलाई से प्रारंभ होगा. सरकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मूंग खरीदेगी. सरकार ने मूंग खरीदी की तैयारियां सभी जिलों में प्रारंभ कर दी हैं.

Registration for purchase of moong in Madhya Pradesh from July 18
मध्य प्रदेश में 18 जुलाई से मूंग की खरीदी को लेकर पंजीयन

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Published : Jul 14, 2022, 3:16 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार मूंग खरीद के पंजीयन की प्रक्रिया 18 जुलाई से शुरू करने का फैसला किया है. मध्य प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक व्यापरियों ने मंडियों में 4200 से 5800 रुपए प्रति क्विंटल किसानों की मूंग खरीदी है. ज्यादातर किसानों का कहना है की व्यापारियों ने अच्छी मूंग भी कम दामों में खरीदी है, सरकार का यह फैसला बहुत देर से आया है.

किसान मजदूर संघ नाराज: किसानों के साथ छलावे की बात करते हुए किसान संघ का कहना है कि जब किसानों की मूंग बिक चुकी है, तब शिवराज सरकार कर है मूंग की खरीदी कर रही है. किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि, जुलाई के महीने में मूंग खरीदी सरकार के दिमाग का दिवालियापन बता रही है, शिवराज सरकार ने व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की मूंग जून में नहीं खरीदी और ना ही कोई आश्वासन दिया था कि उनकी मूंग खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी.

किसान मजदूर संघ का कहना है कि, 'मई के आखिरी सप्ताह और जून के पहले सप्ताह तक किसान की मूंग खेतों से तैयार होकर बाहर आ जाती है. अब 90% से ज्यादा किसान अपनी मूंग बेच चुके हैं. अब सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करके वाहवाही लूटना चाहती है'.

2 लाख 25 हजार टन मूंग खरीदने का लक्ष्य रखा: मध्य प्रदेश में इस वर्ष केंद्र सरकार ने केवल 2 लाख 25 हजार टन मूंग खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि मूंग का उत्पादन 15 लाख टन से अधिक हुआ है. इसे देखते हुए एमपी सरकार ने पूरी मूंग समर्थन मूल्य पर खरीदने की केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है. यह अनुमति मिल जाने पर राज्य सरकार पर वित्तीय भार नहीं आएगा. लेकिन सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने कोटा से ज्यादा खरीदने से मना कर दिया है. अब जब किसानो की मूंग बाजार में बिक चुकी है, सरकार इस जरिए सिर्फ किसानों की हमदर्दी लेना चाहती है.

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