भोपाल। अपनी मनमानी और फिजूलखर्जी के लिए चर्चा में रहने वाली प्रदेश की बिजली कंपनियां एक बार फिर उपभोक्ताओं को झटका देने जा रही हैं. पहले कंपनियों ने बिजली खरीदी के लिए मनमाने तरीके से करार कर ड़ाले और अब घरेलू उपभोक्ताओं से 140 रुपए प्रतिमाह न्यूनतम ऊर्जा प्रभार वसूलने की तैयारी की जा रही है. मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने मध्यप्रदेश ऊर्जा नियामक आयोग (MP Energy Regulatory Commission) को वर्ष 2022-23 के लिए टैरिफ पिटिशन में ऊर्जा प्रभार 134 रुपए से बढ़ाकर 140 रुपए करने की अनुमति मांगी है. अगर ऐसा हो गया तो इसका खामिया एक बार फिर जनता को महंगी बिजली के रूप में भुगतना पड़ेगा.
बिजली कंपनी ने महंगाई और खर्च का दिया हवाला
मध्यप्रदेश की बिजली कंपनी ने ऊर्जा नियामक आयोग को साल 2022-23 के लिए ट्रैफिक पिटिशन सौंपी है. जिसमें न्यूनतम ऊर्जा प्रभार को बढ़ाकर 140 रुपए प्रतिमाह करने की अनुमति मांगी है. यह स्थिति तब है कि जब मध्यप्रदेश विद्युत अधिनियम के तहत न्यूनतम ऊर्जा प्रभार का प्रावधान खत्म कर दिया गया है, इसके बाद भी बिजली कंपनियों द्वारा हर साल न्यूनतम ऊर्जा प्रभार के नाम पर करीबन 10 लाख उपभोक्ताओं से एक हजार करोड़ रुपए की वसूली की जा रही है.
न्यूनतम ऊर्जा प्रभार बढ़ने के कारण
मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी (MP Power Management Company) द्वारा न्यूनतम ऊर्जा प्रभार बढ़ाए जाने के पीछे कोयले, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को वजह बताया जा रहा है. ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि बिजली कंपनियों के खर्चे बढ़ गए हैं. इसलिए खर्च निकालने के लिए न्यूनतम ऊर्जा प्रभार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है.