भोपाल।यह तो आप जानते ही होंगे कि, बीजेपी बहुत कायदे कानून वाली पार्टी है. एक एक कार्यकर्ता को हर वक्त यही सिखाया जाता है कि, भाईजान कायदे में रहना. अब इसके बाद कोई नहीं संभल रिया तो क्या किया जा सकता है. मतलब हम किसी पे एल्जाम नहीं लगा रहे, बता रहे हैं. पार्टी के एक नेताजी हैं जो निगम मंडल में अध्यक्ष भी हैं. ऐसी उड़ती उड़ती अपने भी सुनी होगी की नेताजी टूरिज्म के टिप्स लेने इन दिनों बैंकॉग और थाईलैंड के दौरे पर जा रहे हैं. यह भी सुना होगा कि ये टूरिज्म की कोई स्टडी कर रहे हैं, इसलिए बार बार जाना पड़ता है. वैसे एमपी तो यूं भी अजब है और कसम से गजब है. अब नेताजी को कौन समझाए. पटरियों पर आते तो हम ही समझाते कि, एमपी में बहुत कुछ होगा देखने समझने के लिए. जनाब थाईलैंड की उड़ानें छोड़ पाएं तो बताएं. (Andar ki laye Hain khabren)
क्या बीजेपी में सर्टिफाईड हुआ सिंधिया खेमा: भिया वो बोलते हैं ना, बरसात अपने साथ बुखार भी लाती होगी. बिल्कुल वही अंदाज में बोलूं तो जब से बीजेपी में कमल छाप कांग्रेसी परमानेंट हुए हैं. कांग्रेस की खेमेवाली बीमारी बीजेपी के अंदर भी फैलने लगी है. सिंधिया के टेके से बनी सरकार में मंत्रियों में खेमें तो साफ साफ दिखाई दे ही रहे थे. अब आप ही बताइएगा शिवराज की कैबिनेट में से सिंधिया समर्थक मंत्रियों की छंटनी कौन सी मुश्किल होगी. कप्तान भले इन मंत्रियों के शिवराज हैं, लेकिन आस्था की हिलोरें तो अब भी सिंधिया सिंधिया जपती होगी की नहीं. (Mp political gossips) (Andar ki laye Hain khabren)
खत का मजमून: जनाब हैरत की बात तो ये होगी कि, अब तो खेमेबाजी सर्टिफाईड तरीके से सामने आ रही है. बहुत ज्यादा भूमिका बन गई है. जनाब लीजिए अब मुद्दे पर आ जाते हैं. तो मामला ये है कि, पिछले दिनों ग्वालियर में अनुसूचित जाति मोर्चा ग्रामीण के पदाधिकारियों की घोषणा हुई. पार्टी के लेटरपैड पर जारी की गई सूची में एक लाईन पर सबकी निगाह अटक गई. आप भी गौर कीजिए खत का मजमून था श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से इमरती देवी अध्यक्ष लघु उद्योग निगम की सहमति से इन पदाधिकारियों की घोषणा की गई. चिट्ठी दो महीने पुरानी है, लेकिन इसकी इबारत की सियासी उम्र लंबी है. कांग्रेसमय चिट्ठी ट्विटर ट्विटर खेलती गई. हम तो ये सोच रहे हैं कि, वक्त से डोज नहीं मिला, इलाज नहीं हुआ, तो कैडर वाली बीजेपी में खेमे का रोग कोरोना की रफ्तार से फैल रहा है, अब देखना होगा ये रोग चुनाव के वक्त क्या गुल खिलाएगा. वैसे अंदर की खबर ये भी है कि, इस चिट्ठी को लेकर पार्टी में जांच पड़ताल का दौर शुरु हो गया है. (Mp political gossips)