भोपाल।चुनाव से साल भर पहले कायदे से होना ये चाहिए कि बीजेपी और कांग्रेस के विधायक अपने अपने क्षेत्र में जुट जाएं, कि कोई काम बाकी ना रह जाए. जमीन अभी से तैयार करेंगे तब तो साल भर बाद होने वाले चुनाव में फसल काट पाएंगे. लेकिन इस बार तो विधायकों को अपनी जमीन मजबूत करने से पहले चिंता ये है कि सर्वे कहीं उनके पैरों के नीचे की जमीन ना खिसका दे. कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक इन दिनों कई स्तर पर सर्वे कराए जा रहे हैं. ये पता लगाने कि कौन से उम्मीदवार पार्टी की नैया के खिवैया होंगे और कौन बेड़ा गर्क कराएंगे. एक एक विधायक की पूरी कुंडली निकाली जा रही है. अब कुंडली में अगर कोई दोष हो तो निवारण भी हो जाता है. लेकिन विधायक की कुंडली में दोष तो मारकेश की तरह उनकी सियासत निपटा कर ही जाता है. सुना ये है कि कई विधायकों को तो सपने में भी सर्वे रिपोर्ट दिखाई दे रही है और चौंक कर जागे विधायक जी पहला सवाल ही यही कर रहे हैं सर्वे में मेरा नाम तो नहीं आया. (MLAs See survey report in dreams)
शुक्ला जी ने कहां का सिग्नल पकड़ा है:मालवा की राजनीति इतनी ही एडवांस चलती है, जैसी इस समय कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के मामले में चल रही है. कांग्रेस के ये वही विधायक हैं जिन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की अयोध्या यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी को समर्पित कर दी है. ये भी कहा कि वे पीएम मोदी की लंबी आयु की कामना करेंगे. प्रधानमंत्री को जन्मदिवस पर शुभकामनाएं देना तो खैर सौजन्यता में भी आता है. लेकिन विधायक जी के सौजन्य से करवाई गई इस धार्मिक यात्रा का समर्पण भाव सुन रहे हैं कि कांग्रेसियों के गले नहीं उतर रहा. इसकी वजह भी है कि जब कांग्रेस अपनी खोई ताकत लौटाने भारत जोड़ो यात्रा पर निकली हुई है. तब एमपी के कांग्रेस विधायक अपने क्षेत्र की जनता को कराई जाने वाली धार्मिक यात्रा पीएम मोदी को समर्पित कर रहे हैं. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि इनका समर्पण यहीं तक रहेगा या दलबदल तक जाएगा.