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MP Panchayat Election 2022: एमपी पंचायत चुनाव को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई - शहीद जितेंद्र वर्मा को CM ने दिया कंधा

एमपी में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav 2022) को लेकर सभी की नजरें सर्वोच्च न्यायालय पर आकर ठहर गई हैं, क्योंकि पंचायतों के आरक्षण को लेकर आज सुनवाई होने वाली है. ज्ञात हो कि राज्य में पंचायतों के चुनाव वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर होने वाले है. भाजपा ने कांग्रेस पर हार का डर सताने का आरोप लगाया है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश की जनता के मंसूबों को समझ रही है. कांग्रेस को पता है कि अगर चुनाव होते हैं, तो जनता उसका क्या परिणाम देने वाली है.

Hearing in the Supreme Court on Madhya Pradesh Panchayat Election 2022
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव 2022 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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Published : Dec 12, 2021, 4:26 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 6:17 AM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav 2022) को लेकर सभी की नजरें सर्वोच्च न्यायालय पर आकर ठहर गई है, क्योंकि पंचायतों के आरक्षण को लेकर आज सुनवाई होने वाली है. ज्ञात हो कि राज्य में पंचायतों के चुनाव वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर होने वाले है. कांग्रेस को पंचायती राज अधिनियम का हवाला देकर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय गई मगर इस पर राहत नहीं मिली तो कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. इस पर सेामवार को सुनवाई होने वाली है.

सैयद जाफर ने बताया है कि उनकी और जया ठाकुर के द्वारा दायर याचिका पर शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई 13 दिसंबर दिन सोमवार तय की है. इस दिन महाराष्ट्र सरकार के द्वारा ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही मध्यप्रदेश की पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन न करने वाली याचिका की सुनवाई एक साथ होगी. शनिवार को उनकी याचिका की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने की.

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भाजपा ने कांग्रेस पर हार का डर सताने का आरोप लगाया है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश की जनता के मंसूबों को समझ रही है. कांग्रेस को पता है कि अगर चुनाव होते हैं, तो जनता उसका क्या परिणाम देने वाली है. इसीलिए कांग्रेस अब हर चुनाव से भागना चाहती है, चुनाव में अड़ंगे लगाने के लिए हथकंडेबाजी करती है. चुनाव में होने वाली फजीहत की कल्पना कर कांग्रेस के कार्यकर्ता तो भाग ही रहे हैं, लेकिन अब उनके नेतृत्व को भी यह लगने लगा है कि चुनाव में जायेंगे तो मुंह की खानी पड़ेगी.

वीडी शर्मा ने कहा कि पंचायतों के चुनाव पंचायती राज व्यवस्था के आधार हैं और लोकतंत्र को मजबूती देते हैं. पंचायत चुनाव में गांव-गांव से जनप्रतिनिधि चुनकर आयेंगे, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी और गांव-गांव तक विकास होगा. इसलिए भाजपा की सरकार ने यह निर्णय किया और चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा की है. लेकिन कांग्रेस के नेता पंचायत चुनाव को लेकर दोहरी भूमिका अपना रहे हैं. कहते कुछ हैं, करते कुछ और हैं. कांग्रेस पार्टी अपनी दोहरी नीति के साथ लगातार यह प्रयास कर रही है कि ये चुनाव टल जाएं.

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ज्ञात हो कि राज्य में पंचायतों के चुनाव तीन चरणों मे अगले माह जनवरी में होने वाले है. इसके लिए अधिसूचना भी जारी हो चुकी है. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग तैयारियों में लगा हुआ है. राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए तो आरक्षण होने वाला है मगर शेष सभी पदों जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच व पार्षद के लिए पुरानी व्यवस्था अर्थात वर्ष 2014 का आरक्षण ही लागू रहेगा.

राज्य में पंचायतों के वर्ष 2019 में किए गए परिसीमन को अभी हाल ही में निरस्त कर दिया गया, क्योंकि पंचायती राज अधिनियम के मुताबिक नया परिसीमन होने के एक साल में चुनाव आवश्यक है, मगर ऐसा नहीं हो पाया था. इसे कांग्रेस ने पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए ऐतराज जताया और प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर ने न्यायालय की शरण ली है.

इनपुट - आईएएनएस

Last Updated : Dec 13, 2021, 6:17 AM IST

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