जबलपुर। प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. आपको बता दें कि सरकार ने यह आदेश महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर लिया था. इस फैसले के खिलाफ लगाई गई याचिका में में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के स्थगन आदेश को वापस लेने से इंकार करते हुए इस संबंध में दाखिल की गई अन्य याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी. इसके पहले सरकार ने आरक्षण लागू करने का फैसला कर लिया. इस मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस व्ही के शुक्ला की पीठ ने सरकार को तीन दिनों में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.
20 सितंबर को होनी है सुनवाई
कोर्ट की युगलपीठ ने उक्त याचिका की सुनवाई ओबीसी आरक्षण संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ 20 सितम्बर को निर्धारित की है.
यूथ ऑफ इक्वलिटी की तरफ से दायर इस याचिका में प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी किए जाने के अधिनियम को चुनौती दी गई है. इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अन्य 6 याचिकाओं में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने पर स्थगन आदेश जारी किये थे. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिए आवेदन फाइल किया गया था. हाईकोर्ट ने 1 सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं की अंतिम सुनवाई किए जाने के निर्देश जारी किए थे.