भोपाल।आमतौर पर नए साल की शुरूआत लोग सबसे पहले भगवान के दर्शन से करते हैं. लेकिन प्रदेश में एक बार फिर बढ़ रहे कोरोना और ओमीक्रॉन के मामलों को देखते हुए मंदिरों की दर्शन व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं. उज्जैन के महाकाल मंदिर, इंदौर के खजराना गणेश मंदिर, रामराजा मंदिर ओरछा, सतना के मैहर शारदा माता मंदिर, पीतांबरा पीठ दतिया जैसे बड़े मंदिरों में ओमीक्रॉन और कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. मंदिर की दर्शन व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे भी कोविड गाइडलाइन का पालन करें. मंदिर प्रशासन ने भी सेनेटाइजेशन करने के साथ ही तमाम दूसरी जरूरी व्यवस्थाएं भी की हैं.
महाकाल मंदिर (उज्जैन)- नंदी गृह में प्रवेश प्रतिबंधित
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में नव वर्ष 2022 के में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति ने गर्भ गृह में प्रवेश पर रोक लगा दी है.
- यह रोक 30 दिसंबर 2021 से 3 जनवरी 2022 तक के लिए है.
- इस दौरान गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंध (entry Ban into sanctum sanctorum of Mahakal temple) रहेगा.
- इन पांच दिनों में महाकाल की परम्परागत पूजा में शामिल होने पुजारी, पुरोहित और कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी के लिए गर्भ गृह और नंदी हाल में प्रवेश वर्जित रहेगा.
-्र प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद से ही महाकाल मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती और रात 11:00 बजे होने वाली शयन आरती में भक्तों का प्रवेश पर प्रतिबंध कर दिया गया है.
- अब नव वर्ष पर होने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति ने 5 दिनों तक गर्भ गृह बंद रखने का फैसला किया है.
-इस दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन जरूरी रहेगा.
-मंदिर प्रशासन की तरफ से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था भी की गई है.
खजराना गणेश मंदिर (इंदौर)
- श्रद्धालुओं को इस साल 31 दिसंबर की रात में खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन नहीं हो पाएंगे.
- 31 दिसंबर को मंदिर में रात 10 बजे से प्रवेश बंद कर दिया जाएगा.
- 1 जनवरी 2022 को मंदिर में सुबह 5 बजे से प्रवेश प्रारंभ होगा.
- 1 जनवरी को सुबह आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना औऱ वैक्सीन के दोनों डोज लगे होने जरूरी होगा.
- श्रद्धालुओं को मंदिर में केवल दर्शन करने की सुविधा होगी. यहां पर भगवान को प्रसाद अर्पित नहीं किया जाएगा.