भोपाल।जिला प्रशासन ने महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष पार्षद उम्मीदवार संतोष कंसाना (Santosh Kansana) का नामांकर निरस्त कर दिया. संतोष कंसाना भोपाल के वार्ड 29 से पार्षद की उम्मीदवार थीं. कंसाना की जाति प्रमाण पत्र को लेकर कलेक्टर अविनाश लवानिया (Bhopal Collector Avinash Lavania) द्वारा की गई सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया है. दरअसल, संतोष कंसाना का मूल जाति प्रमाण पत्र हरियाणा का है और भोपाल में माइग्रेशन के बाद इसे बनाया गया था. गौर करने वाली बात यह है कि दो बार की पार्षद संतोष कंसाना ओबीसी कैटेगरी में ही दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं.
MP local Election: पार्षद प्रत्याशी संतोष कंसाना का नामांकन निरस्त, जाति प्रमाण पत्र को लेकर भाजपा ने जताई थी आपत्ति
मध्यप्रदेश नगर निगम चुनाव में जिला प्रशासन ने भोपाल के वार्ड 29 से कांग्रेस उम्मीदवार संतोष कंसाना (Santosh Kansana) का नामांकन निरस्त कर दिया. संतोष कंसाना के मूल जाति प्रमाण पत्र को लेकर बीजेपी ने शिकायत की थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया. वहीं, संतोष कंसाना का कहना है कि यह सर्टिफिकेट जिला प्रशासन द्वारा ही बनाकर दिया गया था. जब इसे पहले मान्य किया गया तो अब इस पर आपत्ति क्यों लगाई गई है.(MP Local Body Election) (Santosh Kansana Nomination canceled)
पहले किया मान्य तो अब आपत्ति क्यों ? : भोपाल के वार्ड 29 से कांग्रेस पार्षद पद की उम्मीदवार संतोष कंसाना के मुताबिक वह मूल रूप से हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी शादी भोपाल में हुई है. हरियाणा में गुर्जर समाज ओबीसी केटेगरी में है और मध्य प्रदेश में भी इसे ओबीसी कैटेगरी में रखा गया है. 2009 में उनका भोपाल में ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र बना है. इसी कैटेगरी से साल 2009 और 2014 में पार्षद का चुनाव लड़ चुकी हैं. उनका कहना है कि कलेक्टर ने सुनवाई में उनके जाति प्रमाण पत्र को अमान्य कर दिया. लेकिन, जाति प्रमाण पत्र को अवैध बताने का कारण समझ में नहीं आ रहा है. (MP Local Body Election) (Santosh Kansana Nomination canceled) (Objection to caste certificate of Santosh Kansana)