भोपाल। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मजबूत स्थिति बनाने के लिए कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है. इसके लिए बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. प्रदेश के करीब 50 नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा गया है, राज्य सभा सांसद राजमणि पटेल को इलाहाबाद सेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों और विधानसभा से कांग्रेस विधायकों को भी उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. एमपी के बड़े कांग्रेस नेताओं को मध्यप्रदेश की सीमा से सटी यूपी की विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए भी भेजा जाएगा.
यूपी चुनाव में एमपी कांग्रेस के कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी आदिवासी और ओबीसी नेताओं को जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरण हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लिहाजा मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आदिवासी और ओबीसी वर्ग से आने वाले नेताओं को खासतौर से उत्तर प्रदेश भेजा है. हाल ही में हीरा लाल अलावा को आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया है, इसलिए उन्हें उत्तर प्रदेश का भी प्रभारी बना दिया गया है. पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, बाला बच्चन, हनी सिंह बघेल को भी उत्तर प्रदेश भेजा गया है. इसके अलावा पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और सिद्धार्थ कुशवाहा, अजय सिंह को भी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. इंदौर की देपालपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे सत्य नारायण पटेल को उत्तर प्रदेश का सह प्रभारी बनाया गया है. सत्य नारायण पटेल कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव को भी यूपी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.
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कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी संभालेंगे मोर्चा
उत्तर प्रदेश चुनाव में दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी जल्द ही मोर्चा संभालेंगे. दिग्विजय सिंह लंबे समय तक यूपी में पार्टी प्रभारी रहे हैं, कमलनाथ गांधी परिवार के विश्वास पात्र नेताओं में से एक हैं और उत्तर प्रदेश से उनका पुराना नाता रहा है. कमलनाथ का जन्म कानपुर में हुआ था और उनके दादा बरेली के रहने वाले थे. हाल ही में कमलनाथ ने कहा कि हमने अपनी राजनीति की शुरूआत ही उत्तर प्रदेश से की थी, उस वक्त बीजेपी का जन्म भी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा था कि आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रियंका गांधी के नेतृत्व में फिर से खड़ी हो गई है.
उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते हैं 11 जिले 40 विधानसभा सीटें
उत्तर प्रदेश की सीमा से मध्यप्रदेश के 11 जिले लगते हैं. इन जिलों के कांग्रेस नेताओं की उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रियता रहती है, यही वजह है कि इन्हें उत्तर प्रदेश चुनाव में लगाया गया है. देखा जाए तो मध्यप्रदेश की सीमा से उत्तर प्रदेश की 40 विधानसभाएं लगी हैं, इन सीटों पर मध्यप्रदेश के मुद्दे भी चुनाव को प्रभावित करते हैं. बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं को इन विधानसभा सीटों पर सक्रिय किया गया है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव के मुताबिक उत्तर प्रदेश चुनाव में बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है. राजमणि पटेल को बड़े सेक्टर का प्रभारी बनाया गया है, जल्द ही महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के नेताओं को भी उत्तर प्रदेश भेजा जाएगा.
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