भोपाल। मध्यप्रदेश में उद्योगों का विस्तार तेजी से हो रहा है. कोरोना ने भले ही कहर ढहाया हो लेकिन मध्यप्रदेश में इस दौर में भी रिकॉर्ड निवेश आया है. यह कहना है उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह का का. संवाददाता सरस्वतीचंद्र ने उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह से जाना 2022 का विज़न.
2021 के आखिरी दिन चल रहे हैं. उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह पूरे साल का आंकलन कर रहे हैं. (mp industry minister jaywardhan achievements in 2021 )उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए अच्छी कोशिश की. कोरोना महामारी के बावजूद निवेश में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 40 फीसदी रोजगार बढ़ा है.पीएम ने गति शक्ति योजना शुरू की है. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चंबल एक्सप्रेस वे की सौगात दी है. जिसके कारण इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर रोजगार उन्मुख कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. कॉरिडोर बनाए जाएंगे. जिससे व्यवसाय बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. कुल मिलाकर जा रहे साल 2021 के लिए मंत्री जी का मूड अच्छा है.
2022 में क्या करेंगे ?
मंत्री राजवर्धन सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस-वे और सड़क निर्माण से मध्य प्रदेश तरक्की के नए आयाम छूएगा . नर्मदा नदी पर नर्मदा एक्सप्रेस वे डिवेलप कर रहे हैं. इससे कॉरिडोर निकल रहा है. इससे दिल्ली और मुंबई का डिस्टेंस बराबर है. इसका फायदा मध्य प्रदेश को मिलेगा. वहां पर व्यापार के लिए एरिया डवेलप हो रहा है. साथ ही रतलाम में इंडस्ट्रियल एरिया के लिए 1800 हेक्टेयर को विकसित किया जा रहा है. (plans for 2022 mp industry minister jaywardhan )
राजवर्धन सिंह ने बताया कि वर्तमान पॉलिसी को अपडेट करके उसमें कुछ बदलाव करने जा रहे हैं. जिससे मध्यप्रदेश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. दुबई एक्सपो में देखा गया वहां पर हमारे करार हुए , मल्टी नोडल पार्क्स में देशों ने इंटरेस्ट दिखाया है. वेयरहाउस लॉजिस्टिक्स बनाने के लिए काम किए जा रहे हैं.
किसानों का उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का खर्च 125% हो जाता है. इससे वास्तविक फायदा किसान को नहीं मिल पाता है. अलग-अलग उपाय करके कुल लागत को घटाने पर काम किया जा रहा है. इसका खर्च 40% आ जाएगा. अभी फिलहाल 40% जीडीपी का खर्च लॉजिस्टिक्स पर होता है. एथेनॉल पॉलिसी और अन्य फ्यूल पॉलिसी आने के बाद ये खर्च कम हो जाएगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये खर्च सिर्फ 8% है. हम भी इसे इस स्तर पर हमारी लाने की कोशिश कर रहे हैं.
जिलों में रोजगार के लिए क्लस्टर बनाना भी सरकार की प्राथमिकता है. छोटे छोटे उद्योगों को विकसित कर उन्हे मार्केट उपलब्ध करवाया जाएगा. जिससे
उनकी आमदनी बढ़ सके.