भोपाल। पूरे देश में महंगाई से भले ही आम आदमी की कमर टूट रही हो लेकिन, इस बीच शिवराज सरकार लोगों को आनंद लेने का तरीका बताएगी. सरकार लोगों से कुछ सवाल पूछेगी. सवालों के जवाब बताएंगे कि जीवन में आनंद कैसे लाया जाए. इसके लिए मध्य प्रदेश का आनंद विभाग आइआइटी खड़गपुर के सहयोग से सर्वे कराएगा, जो मध्य प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने में मददगार होगा.
ऐसे होगा हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए सर्वे: मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में 200 कार्यकर्ता प्रश्नावली लेकर मैदान में उतरेंगे और करीब 10 हजार लोगों से सवाल करेंगे. उनके उत्तर लिखे जाएंगे और वे अपना फीडबैक भी देंगे.
लोगों से पूछे जाएंगे ये सवाल:
- परिवार की आर्थिक स्थिरता, आवश्यकताओं की पूर्ति, रोजगार और आय के अवसरों से कितने संतुष्ट हैं ?
- परिवार, मोहल्ले, गांव के सामुदायिक कार्यक्रमों में आप कितनी भागीदारी करते हैं ?
- आप व्यक्तिगत सफलता, उपलब्धियों, जीवन स्तर, निजी रिश्तों, सुरक्षा बोध, अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने की स्वतंत्रता से कितने संतुष्ट हैं ?
- आप जहां रहते हैं, वहां के लोग निम्न मूल्यों को कितना महत्व देते हैं ?
- सच बोलना, लोगों के प्रति सम्मान, क्षमा का भाव आदि मूल्यों में समाज में कैसा बदलाव महसूस करते हैं?
मध्य प्रदेश के लोग कितने खुश हैं, इसका पता सरकार पिछले चार साल में भी नहीं लगा सकी: मध्य प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स निकालने की कवायद पिछले चार सालों से की जा रही है. इसके लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से इसका एमओयू किया गया, लेकिन इसका सर्वे पिछले साल भी नहीं हो सका. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर इसे टाल दिया गया है. संस्थान के पदाधिकारियों के मुताबिक कोरोना की स्थितियां सामान्य होने के बाद सर्वे कराया जाएगा.
5 साल पहले बना था राज्य आनंद संस्थान, ये था उद्देश्य:राज्य सरकार ने नया प्रयोग करते हुए आनंद विभाग मंत्रालय का गठन कर मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान बनाया था. इसका उद्देश्य था कि आनंद और सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान की जा सके और आनंद का प्रसार करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य किए जा सके. इसके तहत हैप्पीनेस इंडेक्स बनाने की कवायद शुरू की गई, ताकि पता किया जा सके कि प्रदेश में लोगों की खुशी का पैमाना कितना है.