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महंगाई की मारी जनता ! अब लोगों को आनंद लेने का तरीका बताएगी शिवराज सरकार, पूछे जायेंगे ये सवाल

किसी भी राज्य की खुशहाली और तरक्की उसके लोगों में बसी खुशी से मापी जाती है और इस खुशहाली को नापने का पैमाना है हैप्पीनेस इंडेक्स. मध्य प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स क्या है इसका सर्वे सरकार पांच साल में नहीं करा सकी है, लेकिन अब सरकार लोगों को आनंद लेने के तरीके बताएगी.

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अब लोगों को आनंद लेने का तरीका बताएगी शिवराज सरकार

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Published : Mar 25, 2022, 8:11 AM IST

Updated : Mar 25, 2022, 10:47 AM IST

भोपाल। पूरे देश में महंगाई से भले ही आम आदमी की कमर टूट रही हो लेकिन, इस बीच शिवराज सरकार लोगों को आनंद लेने का तरीका बताएगी. सरकार लोगों से कुछ सवाल पूछेगी. सवालों के जवाब बताएंगे कि जीवन में आनंद कैसे लाया जाए. इसके लिए मध्य प्रदेश का आनंद विभाग आइआइटी खड़गपुर के सहयोग से सर्वे कराएगा, जो मध्य प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने में मददगार होगा.

आनंद लेते पत्नी संग शिवराज सिंह

ऐसे होगा हैप्पीनेस इंडेक्स के लिए सर्वे: मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में 200 कार्यकर्ता प्रश्नावली लेकर मैदान में उतरेंगे और करीब 10 हजार लोगों से सवाल करेंगे. उनके उत्तर लिखे जाएंगे और वे अपना फीडबैक भी देंगे.

लोगों से पूछे जाएंगे ये सवाल:

  • परिवार की आर्थिक स्थिरता, आवश्यकताओं की पूर्ति, रोजगार और आय के अवसरों से कितने संतुष्ट हैं ?
  • परिवार, मोहल्ले, गांव के सामुदायिक कार्यक्रमों में आप कितनी भागीदारी करते हैं ?
  • आप व्यक्तिगत सफलता, उपलब्धियों, जीवन स्तर, निजी रिश्तों, सुरक्षा बोध, अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने की स्वतंत्रता से कितने संतुष्ट हैं ?
  • आप जहां रहते हैं, वहां के लोग निम्न मूल्यों को कितना महत्व देते हैं ?
  • सच बोलना, लोगों के प्रति सम्मान, क्षमा का भाव आदि मूल्यों में समाज में कैसा बदलाव महसूस करते हैं?

मध्य प्रदेश के लोग कितने खुश हैं, इसका पता सरकार पिछले चार साल में भी नहीं लगा सकी: मध्य प्रदेश में हैप्पीनेस इंडेक्स निकालने की कवायद पिछले चार सालों से की जा रही है. इसके लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से इसका एमओयू किया गया, लेकिन इसका सर्वे पिछले साल भी नहीं हो सका. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर इसे टाल दिया गया है. संस्थान के पदाधिकारियों के मुताबिक कोरोना की स्थितियां सामान्य होने के बाद सर्वे कराया जाएगा.

किस काम का आनंद मंत्रालय,नहीं माप सका प्रदेश का हैप्पीनेस इंडेक्स

5 साल पहले बना था राज्य आनंद संस्थान, ये था उद्देश्य:राज्य सरकार ने नया प्रयोग करते हुए आनंद विभाग मंत्रालय का गठन कर मध्य प्रदेश राज्य आनंद संस्थान बनाया था. इसका उद्देश्य था कि आनंद और सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान की जा सके और आनंद का प्रसार करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य किए जा सके. इसके तहत हैप्पीनेस इंडेक्स बनाने की कवायद शुरू की गई, ताकि पता किया जा सके कि प्रदेश में लोगों की खुशी का पैमाना कितना है.

हैप्पीनेस की हेरा-फैरी ! मध्य प्रदेश के लोग कितने खुश हैं, 5 साल में भी पता नहीं कर सकी सरकार

5 वर्ष पहले आईआईटी रुड़की से एमओयू किया गया था : हैप्पीनेस इंडेक्स निकालने के लिए विभाग ने आईआईटी रुड़की से एमओयू किया. हैप्पीनेस इंडेक्स की गणना के लिए आईआईटी खड़गपुर द्वारा प्रदेश के 10 जिलों के 3-3 सर्वेयर को ट्रेंड कर पायलेट सर्वे कार्य भी किया गया है. आईआईटी खड़गपुर के साथ मिलकर संस्थान द्वारा हैप्पीनेस इंडेक्स हेतु आवश्यक प्रश्नावली तैयार कर ली गई है.

हैप्पीनेस के लिए 70 प्रश्नों का तैयार किया गया ड्राफ्ट, नहीं हो सका सर्वे:एमओयू के बाद आईआईटी खड़गपुर द्वारा विश्वभर में हैप्पीनेस इंडेक्स पर अब तक हुए सर्वे का अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में मुख्य रूप से हैप्पीनेस इंडेक्स, ग्लोबल सर्वे, रूरल नेशनल हैप्पीनेस, भूटान और कैनेडियन इंडेक्स ऑफ वेलबीइंग, यूएसए ग्रास नेशनल हैप्पीनेस तथा करीब 16 शहरों के हैप्पीनेस इंडेक्स को शामिल किया गया. हैप्पीनेस का स्तर नापने के लिए 14 डोमेन तय किए गए और उसके लिए करीबन 70 सवालों का ड्राफ्ट, सर्वेक्षण प्रश्नावली तैयार की गई.

पिछले चार साल से घटता जा रहा है बजट:राज्य आनंद संस्थान का बजट पिछले चार सालों से लगातार घटता जा रहा है. साल 2020-21 में संस्थान को 3 करोड़ रुपए का बजट आवंटन हुआ. साल 2019-20 को संस्थान को 5 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, लेकिन संस्थान द्वारा 3.50 करोड़ रुपए ही खर्च किया जा सका. साल 2018-19 को संस्थान को 5.29 करोड़ रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ है, इसमें से 5.18 करोड़ रुपए का ही व्यय किया जा सका. साल 2017-18 को संस्थान के लिए 4.75 करोड़ रुपए का बजट में आवंटन किया गया.

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Last Updated : Mar 25, 2022, 10:47 AM IST

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