भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में सरकार का पक्ष रखा. मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि पंचायत चुनाव से संबंधित कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ट्रिपल टेस्ट की कार्रवाई 1 हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी. इससे पहले गुरूवार को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने ओबीसी की जनसंख्या से संबंधित अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को सौंप दी थी. उन्हें भी कोर्ट में पेश किया गया.
MP में ओबीसी की आबादी 48 फीसदी:सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में यह पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिशें और रिपोर्ट भी पेश की. इन सिफारिशों के पहले प्रतिवेदन में आयोग ने दावा किया है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मतदाताओं की संख्या प्रदेश में संख्या 48% है. रिपोर्ट में कहा गया है कि sc और st के मतदाताओं को घटाने पर अन्य पिछड़ा वर्ग का मतदाता प्रतिशत 79% है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में पिछले 2 साल से 23 हजार पंचायत सीटें खाली होने पर हैरानी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि हैरानी की बात है कि मध्यप्रदेश में बिना किसी रिप्रेजेंटेटिव के 23000 पंचायत पद खाली हैं. सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए कि मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा डाटा अगर कंप्लीट नहीं होगा तो वहां भी महाराष्ट्र के आधार पर चुनाव होगा. सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी और दस्तावेज तलब करने की बात पर सरकार ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित डेटा तैयार कराया है.
ट्रिपल टेस्ट का किया गया पालन:आयोग का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक जो सर्वे किया गया है उसमें ट्रिपल टेस्ट का पालन किया गया है. आयोग ने अनुसंधान,शोध और विश्लेषण के साथ ही ग्राम, जनपद और जिलों में भ्रमण कर अपनी 6 सिफारिशें सरकार को सौंपी हैं. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पंचायत चुनाव कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई हुई इस दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. जिसमें कुछ सुझाव इस तरह हैं.
-त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35% स्थान आरक्षित करें.
-राज्य सरकार सभी नगरीय निकाय चुनाव के सभी स्तरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कम से कम 35% स्थान आरक्षित करे.
-त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण किए जाने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए.
- राज्य सरकार द्वारा जनसंख्या के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य जिला और ब्लॉक को 'अन्य पिछड़ा वर्ग' बहुल क्षेत्र घोषित किया जाए और उन क्षेत्रों में विकास की योजना लागू की जाएं.