भोपाल।जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर सरकार सख्त हो गई है. अब उनके घरों तक नोटिस पहुंचाए जा रहे हैं, जिसमें एस्मा के तहत कार्रवाई करने की बात की जा रही है. यह नोटिस जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जरिए भेजे जा रहे हैं, साथ ही डॉक्टर्स के परिजनों से अधिकारी फोन पर उनके बच्चों को हड़ताल समाप्त करने के बात कह रहे हैं.
नोटिस में लिखा है कि आपका बच्चा अनाधिकृत रूप से हड़ताल मैं शामिल है, इस संबंध में छात्रों को गांधी मेडिकल महाविद्यालय ऑफिस द्वारा 31 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका संतोषजनक जवाब छात्रों द्वारा नहीं दिया गया है. इस आधार पर छात्र को प्रथम दृष्टया संस्था के अनुशासन के उल्लंघन का दोषी माना गया है. 2 दिन के अंदर अगर हड़ताल समाप्त नहीं करते हैं तो महाविद्यालय से निष्कासन एवं विश्वविद्यालय द्वारा नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
जूनियर डॉक्टर्स ने कहा हमें डरा रही सरकार
गांधी मेडिकल कॉलेज के परिसर में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि शासन हमारी हड़ताल को समाप्त करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है. पहले हमारे घर पुलिस भेजी, अब एस्मा के तहत नोटिस जारी कर रहे हैं, परिजनों को धमकाया जा रहा है और 2 दिन की कार्रवाई के बाद कॉलेज से निकालने और नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की बात की जा रही है. यह शासन का अमानवीय चेहरा है हड़ताल हम कर रहे हैं हमारी एसोसिएशन से बात की जानी चाहिए हमारे घर और परिवार तक यह लड़ाई नहीं जाना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है हम इसका विरोध करते हैं.
बाहर JUDA की हड़ताल, अंदर मरीज परेशान, सरकार ने दबाव बनवाने वाले आरोपों से किया इनकार
डॉक्टर्स पर कार्रवाई करने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं : विश्वास सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हम चाहते हैं कि जूनियर डॉक्टर अपना आंदोलन समाप्त कर दें, एस्मा लगे होने के बावजूद भी हम उन पर कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं, जो काम वह कर रहे हैं वह उनकी पढ़ाई के साथ की जाने वाली प्रैक्टिस का हिस्सा है हमने स्टाइपेंड दिया है और मांगें भी मानी है, हम चाहते हैं कि यह डॉक्टर अपनी हड़ताल को समाप्त कर दें और काम पर वापस आ जाएं, अगर मरीजों का इलाज सही से नहीं हो पा रहा है और मरीजों की स्वास्थ्य संबंधित जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही है तो डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.