भोपाल। प्रदेश सरकार ने अपना रेवेन्यू और टैक्सपेयर की संख्या बढ़ाने के लिए एक नई मुहिम शुरू की है. वाणिज्य कर विभाग छोटे कारोबारियों को भी अब विभाग में रजिस्टर्ड करेगा. इसी लिए मैदानी अमला शॉप टू शॉप सर्वे (shop to shop survey) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा चलाया जा रहा है. साथ ही, सर्वे में दूसरे व्यवसायियों की सेवाओं को भी बारीकी से तलाशा जा रहा है.
रेवेन्यू और टैक्सपेयर बढ़ाने के लिए एमपी सरकार की नई मुहिम इतने नए करदाताओं को जोड़ेगा विभाग
दरअसल, मध्य प्रदेश में 39 हजार से अधिक नए करदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. अब ऐसे में वाणिज्य कर विभाग भी लोगों को टैक्स के दायरे में लाने की कवायद कर रहा है. इसके अंतर्गत वह लोग आएंगे जो जीएसटी में मिली छूट से ज्यादा सालाना कारोबार कर रहे हैं.
ये होगा फायदा
मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक विभाग द्वारा शॉप टू शॉप सर्वे कराया जा रहा है. इससे नई टैक्सपेयर जोड़ने से विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी होना तय है. बता दें कि, वाणिज्य कर विभाग वर्ष 2011 की जनसंख्या की स्थिति के हिसाब से टैक्सपेयर का अनुपात निकाल रहा है. इसमें देखा जा रहा है कि, एक लाख की आबादी पर जिले में कितने करदाता हैं और अब सर्वे के बाद नई क्या स्थिति बन रही है.
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सरकार करे रजिस्ट्रेशन सरलीकरण
मध्य प्रदेश टैक्स् ला बार एसोसिएशन के सचिव मनीष त्रिपाठी का कहना है कि, सरकार की सोच तो सही है क्योंकि टैक्स रजिस्ट्रेशन के मामले में प्रदेश अन्य राज्यों से पीछे है. उनका कहना है कि, रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान आवेदन करने पर विभाग द्वारा बहुत सी आपत्तियां लगा दी जाती हैं, जिसके चलते छोटे कारोबारियों को बड़ी परेशानी होती है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए.
रेवेन्यू बढ़ाना है तो व्यापारियों को मिले छूट
भोपाल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित तिवारी का कहना है कि, जब तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया का सरलीकरण और व्यापारी की परेशानी बंद नहीं होगी, तब तक कुछ नहीं होगा. सरकार को रेवेन्यू बढ़ाना है तो व्यापारी को छूट भी देना होगी. व्यापारी को आज पेमेंट करने के बाद भी परचेस का फायदा नहीं मिल रहा है, ऐसे में नए रजिस्ट्रेशन कराने से लोग भाग रहे हैं.
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प्रदेश की वर्तमान स्थिती
प्रदेश में जीएसटी रजिस्टर्ड व्यवसायी की संख्या करीब सवा लाख है. जानकारी के मुताबिक पिछले दिसंबर 2020 की तुलना में दिसंबर 2021 में प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में कमी आई थी. जिसके चलते अब सरकार ने टैक्सपेयर की संख्या बढ़ाने और राजस्व बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया है.