भिंड/भोपाल। जिले में आने वाले दो दिन में भीषण बाढ़ की चेतावनी जिला प्रशासन ने जारी की है. बताया जा रहा है की भिंड की चम्बल नदी का जल स्तर अगले दो दिनों में 128 मीटर तक जाने की संभावना है, जो की खतरे के निशान से 9 मीटर ऊपर होगा. वहीं राजधानी भोपाल में भारी बारिश के चलते कई निचली बस्तियों में पानी भर गया. जिसके बाद मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा ने नाव में सवार लोगों को घरों से बाहर निकाला. इधर मौसम विभाग के अनुसार भोपाल में 7 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई है. जो पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड है. वहीं अन्य जिलों में भी भारी बारिश हो रही है
गांधी सागर डैम से छोड़ा जा रहा 12500 क्यूसेक पानी-भिंड जिले से गुजरी चम्बल नदी में कुछ दिनों पहले अटेर में आया बाढ़ का खतरा टल गया था, लेकिन अब पहले से भयावह रूप में चम्बल सैलाब लेकर आ रही है. भिंड कलेक्टर के मुताबिक़ गांधी सागर डैम से आज 12500 क्यूमेक्स पानी छोटा जा रहा है जो आबले तीन दिनों में भिंड ज़िले में प्रवेश करेगा. इस स्थिति में उदीमोड़ घाट पर चम्बल का जलस्तर 128 मीटर तक जाने की सम्भावना है.
खतरे के निशान से ऊपर वह रही चम्बल -भिंड के उदीमोड़ घाट पर चम्बल बड़ी का खतरे का निशान 119.1 मीटर पर है. ऐसे में बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर को पहले से ही चम्बल का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 119.9 पर है. ऐसे में गांधी सागर डैम से छोड़ा गया पानी जब जिले में प्रवेश करेगा तो अटेर इलाके में तबाही मचाएगा. अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये बाढ़ पिछले वर्षों में आयी बाढ़ से ज़्यादा प्रभावित करेगी.
बाढ़ के पानी से कट सकता है 25 गांव का सम्पर्क-जिला प्रशासन के मुताबिक इस सम्भावित बाढ़ में इलाके के 25 से ज्यादा गांव रोड से कट जाएंगे. ऐसे में इस आपदा से निबटने के लिए तीन एसडीआरएफ टीम तैनात की जा रही है, अटेर में एक टीम स्टैंडबाय पर रहेगी, जो देवालय, नावली वृंदावन, खेराहट सहित डूब प्रभावित क्षेत्रों को को कवर करेगी. वही दूसरी टीम सुरपुरा इलाके में तैनात की गयी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित किया गया है की इन क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को भी चिन्हित करें. जरूरत पड़ने पर उन्हें शिफ्ट भी किया जा सके. प्रशासन इस आपदा से निबटने की तैयारी में जुटा हुआ है.
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सिंध में भी बन रहे बाढ़ के हालात-इधर सिंध नदी नदी में भी मड़ीखेड़ा और मोहिनी डैम से लगातार पानी छोड़े जाने से भी सिंध किनारे बसे गांव में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पिछले साल इंदुर्खी गांव में बाढ़ से सिंध पर बना पुल तक टूट गया था.
लोगों की मदद करने बोट से पहुंचे मंत्री सारंग-वहीं अगर राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां हो रही मूसलाधार बारिश से बिजली भी नहीं है और कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है. महामाई का बाग एवं ऐशबाग क्षेत्र में जलभराव होने से लोगों के घरों में पानी भर गया है. जहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने खुद राहत एवं बचाव कार्य किया. मंत्री सारंग ने पानी में उतरकर नाव की सहायता से जलभराव में फंसे नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
रेस्क्यू करने पहुंचे विधायक विधायक रामेश्वर शर्मा ने परिवार का किया रेस्क्यू- इधर हुजूर विधानसभा के कोलार के पास बंदौरी गांव में दो किसान परिवारो के फंसे होने की सूचना पर रेसक्यू ऑपरेशन किया गया. SDRF टीम ने प्रशासन के साथ बंदौरी गांव में बचाव कार्य किया. विधायक रामेश्वर शर्मा मौके पर मोर्चा संभालने पहुंचे और परिवार का रेसक्यू किया. मौसम विभाग ने बुधवार को भी बारिश की चेतावनी दी है. मध्य प्रदेश के ऊपर बने साइक्लोन के कारण यह स्थिति बनी है. मौसम विभाग के शाम 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के जिलों में इतनी मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है.(MP Flood Alert, Bhind Administration alert of flood, rescue operation in Bhopal,Minister Vishwas Sarang Rescue)