भोपाल।नगर निगम चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान संपन्न होने के बाद नई शहर सरकार के महापौर, पार्षदों और सरपंच, जनपद, पंचायत की मतपेटियों को भोपाल की पुरानी जेल में सुरक्षित रखवा दिया गया है. नगर निगम भोपाल की सभी EVM मशीन और मत पेटियों को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. थ्री लेयर सुरक्षा के साथ सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी की जा रही है, कल रात बिजली कड़कने से सीसीटीवी कैमरा ओके कनेक्टर में कुछ खराबी आ गई थी, जिसके चलते सीसीटीवी बंद हो गए थे. फिलहाल आज प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में सुधार के बाद चालू करवाया. (mp election 2022)
Strong Room: देर रात बंद हुए सीसीटीवी कैमरे, कांग्रेस ने मतपेटियों की सुरक्षा पर उठाए सवाल
भोपाल की पुरानी जेल के अंदर महापौर, पार्षदों और सरपंच, जनपद, पंचायत की मतपेटियां बंद हैं, इसी बीच कल रात राजधानी में हुई जोरदार बारिश और बिजली चमकने से स्ट्रांग रूम के कैमरे में कुछ तकनीकि खराबी आने के बाद बंद हो गए. बाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जानकारी के बाद कलेक्टर और अन्य अधिकारी के साथ मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी कैमरे को सही कराया.(mp election 2022)
ईवीएम की सुरक्षा में सामने आई बड़ी लापरवाही:भोपाल नगर निगम चुनाव का मतदान 6 जुलाई को हुआ था, जिसकी मतगणना पहले 18 जुलाई को होनी थी लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के चलते ये 18 जुलाई को है. इसी के चलते दोनों पार्टी की सहमति से चुनाव आयोग ने मतगणना को 20 जुलाई को करने का निर्णय लिया. कल देर शाम से भोपाल शहर में लगातार बारिश हो रही है और बिजली कड़क रही है. इसी के चलते देर रात बिजली कड़कने से स्ट्रांग रूम के अंदर लगे हुए सीसीटीवी कैमरा की कनेक्टिविटी खराब हो गई, हालांकि कांग्रेस के लोग स्ट्रांग रूम के बाहर लगातार 24 घंटे नजर रखे हुए हैं. जिसके बाद के द्वारा तत्काल वरिष्ठ नेताओं और प्रशासन को इस मामले में सूचना दी गई, जिसके चलते सुबह मौके पर अधिकारी और भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया पहुंचे और स्ट्रांग रूम को खुलवा कर सीसीटीवी कैमरा को सही कराया.
कांग्रेस कार्यकर्ता कर रहे हैं पुरानी जेल की चौकसी:2018 विधानसभा चुनाव कांग्रेस कार्यकर्ता हर चुनाव के बाद मतगणना होने तक स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा देते हैं और उन्हीं की सतर्कता के चलते इस घटना की सूचना रात को ही अधिकारियों को दे दी गई थी. मौके पर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल ने बताया कि "हमारे जो कार्यकर्ता रात में ड्यूटी में थे, उन्होंने ही हमें सूचित किया कि कैमरा बंद हो गए हैं और हमने तत्काल इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी. हमें पहले से ही शक था कि यहां ईवीएम में कुछ भी छेड़छाड़ की जा सकती है. फिलहाल हमने प्रशासन से मांग की है कि ईवीएम मशीनों की री सीलिंग की जाए."