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फर्स्ट राउंड में ही फुस्स हुआ कांग्रेस का घर घर चलो अभियान, कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति, पार्टी ने दी सफाई - घर घर चलो अभियान से बड़े नेताओं का किनारा

मध्य प्रदेश कांग्रेस का 1 फरवरी से शुरू हुआ घर घर चलो अभियान (mp congress ghar ghar chalo abhiyan) फर्स्ट राउंड में ही फुस्स साबित हो रहा है. शुरूआत से ही गुटबाजी (abhiyan is target factionalism) का शिकार हुए इस अभियान से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ही किनारा कर लिया है

abhiyan is target factionalism
गुटबाजी का शिकार हुआ मध्य प्रदेश कांग्रेस का अभियान

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Published : Feb 2, 2022, 8:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस का 1 फरवरी से शुरू हुआ घर घर चलो अभियान (mp congress ghar ghar chalo abhiyan) फर्स्ट राउंड में ही फुस्स साबित हो रहा है. शुरूआत से ही गुटबाजी (abhiyan is target factionalism) का शिकार हुए इस अभियान से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने ही किनारा कर लिया है. गुटबाजी में उलझे कांग्रेसी अपने घर को ही भूल गए. पीसीसी ने अभियान की जिम्मेदारी कांग्रेस के बड़े नेताओं को सौंपी थी, लेकिन इन नेताओं की बीच रार इसी बात को लेकर है कि कौन किसके घर जाएगा.

गुटबाजी का शिकार हुआ मध्य प्रदेश कांग्रेस का अभियान

कार्यक्रम के उद्घाटन में ही नहीं पहुंचे दिग्गज
1 फरवरी को पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देवास से घर चलो घर-घर चलो अभियान का आगाज तो कर दिया, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता इतने बिजी रहे कि वे शुभारंभ में भी नहीं पहुंचे. भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अभियान का शुभारंभ करना था, लेकिन बजट सत्र में शामिल होने हवाला देकर वे कार्यक्रम में शामिल ही नहीं हुए. अरुण यादव कोविड के चलते खंडवा से इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे. इतना ही नहीं विवेक तन्खा, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज नेता भी अभियान से दूर ही नजर आए.

गुटबाजी का शिकार हुआ मध्य प्रदेश कांग्रेस का अभियान

जिम्मेदारों ने ही फेल किया अभियान
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अलग अलग जिलों में घर चलो घर-घर चलो अभियान की जिम्मेदारी बड़े कांग्रेसी नेताओं को सौंपी थी. जिनमें दिग्विजय सिंह- भोपाल, कांतिलाल भूरिया- झाबुआ,सुरेश पचौरी- रायसेन, अरुण यादव- खंडवा ,सीपी मित्तल - इंदौर, सुधांशु त्रिपाठी- ग्वालियर ,विवेक तन्खा- जबलपुर, राजमणि पटेल- रीवा ,नकुल नाथ- छिंदवाड़ा, अजय सिंह -सतना, एनपी प्रजापति को नरसिंहपुर से अभियान का शुभारंभ करना था, लेकिन कई सारे नेता इस अभियान की शुरूआत से ही नदारद रहे हैं.

सिंधिया के जाने के बाद कोई गुटबाजी नहीं
पार्टी में गुटबाजी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के मीडिया महामंत्री केके मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से गए हैं तब से प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी समाप्त हो गई है और पूरा संगठन कमलनाथ जी के नेतृत्व में एकजुट है. मिश्रा दावा करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.

पार्टी ने दी सफाई, निजी वजहों से नहीं आए बड़े नेता
गुटबाजी के आरोप पर जबाव देते हुए केके मिश्रा ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है.पीसीसी चीफ कमलनाथ ने देवास से कार्यक्रम की शुरुआत की थी, वही सतना से अजय सिंह राहुल शामिल हुए तो भोपाल में पीसी शर्मा ने घर-घर दस्तक दी थी. उन्होंने कहा कि जो बड़े नेता इस अभियान में शामिल नहीं हुए वे निजी वजहों से नहीं पहुंच पाए. मिश्रा ने कहा कि संसद का बजट सत्र होने की वजह से नकुल नाथ, दिग्विजय सिंह,राजमणि पटेल दिल्ली में थे. सुरेश पचौरी और विवेक तंखा बीमार थे और अरुण यादव कोविड के चलते अभियान में शामिल नहीं हो पाए.

बीजेपी कर रही दुष्प्रचार

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भाजपा पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को इस बात का दर्द है कि कांग्रेस ने घर चलो घर-घर चलो अभियान की शुरुआत क्यों की, इसे सफलता मिलती देख और कांग्रेस के बड़े नेताओं के मैदान में उतरने की तैयारी को देखते हुए भाजपा अभियान को लेकर दुष्प्रचार कर रही है.

दिग्गजों की अभियान से दूरी को लेकर कांग्रेस भले ही सफाई दे रही हो, लेकिन इससे एमपी कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर सामने आ गई है. अभियान के जरिए कांग्रेस की कोशिश आम लोगों से जुड़े मुद्दों के साथ ही पिछली कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और बीजेपी सरकार की विफलताओं को बताना था, लेकिन मौजूदा स्थिति ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच भ्रम पैदा कर दिया है कि आखिर किसके घर जाना है और क्यों जाना है.

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