भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता संगठन ने मिशन 2023 के लिए ट्राइबल और हारी हुई सीटों पर फोकस कर दिया है. इसके लिए बीजेपी विधायकों से उनके क्षेत्र में बड़ी योजनाओं का रोड मैप मांगा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विधायकों को हिदायत दी है कि अपने क्षेत्र में पकड़ मजबूत करें. प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने के बाद बीजेपी पूरी तरह से मिशन 2023 में जुट गई है. हार के कारणों की समीक्षा के बाद पार्टी ने जीत के लिए रणनीति बनाई है. 2018 में जिन सीटों पर हार मिली उनसे सबक लेते हुए दिग्गज नेताओं ने उन सीटों पर फोकस कर लिया है. हार की क्या वजह रही, इसकी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को सौंप दी है. साथ ही यह बताया गया है कि क्षेत्रों में बीजेपी कैसे जीत पाएगी.
आदिवासी क्षेत्रों में बड़ी योजनाओं को मंजूरी मिलेगी
आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, इसी वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक गई. मुख्यमंत्री ने हारे हुए और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के लिए छोटी योजना के बजाय बड़ी योजनाओं को स्वीकृत करने पर जोर दिया है. इसी सिलसिले में विधायकों और संबंधित क्षेत्र के नेताओं को वन-टू-वन के लिए बुलाया है और उनसे कहा गया है कि आप अपने क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्टों को लेकर आइये. जिससे जनता को बड़े प्रोजेक्ट मिलें और रोजगार बढ़े, तभी हम 2023 में फिर से ज्यादा बहुमत के साथ सरकार बना सकेंगे.
आदिवासियों को जोड़ने की कवायद शुरु
230 सीटों में से 45 सीटें अनुसूचित जनजाति की है. 2018 में मात्र 16 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी और बाकी 31 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी. 2013 में परिस्थितियां बीजेपी के पक्ष में रही थी, जिसके चलते बीजेपी ने 31 सीटों पर जीत हासिल की थी और कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ 15 रहीं. यही वजह है कि सीएम शिवराज का आदिवासियों पर फोकस है. हाल ही में बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई, पेसा एक्ट लागू किया गया और टंट्या मामा बलिदान दिवस भी जोर शोर से मनाया गया. आदिवासियों के लिए मुफ्त राशन पहुंचाने के लिए उन्हीं के समाज के युवाओं को वाहन भी सरकार की तरफ से दिए गए हैं.