भोपाल। मध्य प्रदेश में नई शराब नीति के बहाने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार को अपने ही चुनौती देने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तो खुलकर शराब नीति का विरोध कर रही हैं, तो विधायक तक ने दुकान बंद कराने के लिए धरना दे डाला. प्रदेश में एक अप्रैल से नई शराब नीति लागू कर दी गई है, जिसमें शराब सस्ती तो हुई ही है, साथ में एक ही स्थान पर एक देशी और विदेशी शराब मिल रही है. इसके अलावा अहाते भी शुरू कर दिए गए, यह स्थितियां कई जगह विवाद का कारण बन रही हैं. उमा भारती तो भोपाल में एक शराब की दुकान पर पत्थरबाजी तक कर चुकी हैं, उसके बाद से शराब को लेकर तकरार जारी है.
जनजागृति अभियान के हिमायती हैं मुख्यमंत्री: उमा भारती लगातार ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश की सरकार को घेरने में लगी हैं. उन्होंने तो प्रदेश की नई शराब नीति को भाजपा की सोच के खिलाफ बताया है, वहीं शिवराज सिंह चौहान साफ कर चुके हैं कि शराबबंदी के पक्ष में नहीं है, मगर जनजागृति अभियान के हिमायती हैं. प्रदेश के कई हिस्सों में भाजपा से जुड़े लोग शराब दुकानों के सामने प्रदर्शन कर चुके हैं, जगह-जगह ज्ञापन भी सौंपे गए तो वहीं रीवा में भाजपा के विधायक केपी त्रिपाठी ने तो दुकान बंद कराने के लिए धरना दे दिया था. भाजपा के कई नेता दबी जुबान से शराब बिक्री पर अंकुश लगाने के पक्षधर हैं, तो वहीं कई नेता प्रदेश के लिए राजस्व को भी जरूरी बता चुके हैं.