भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भले ही दो वर्ष का वक्त हो, मगर भाजपा और कांग्रेस (MP BJP Congress Feedback meeting) ने जमीनी तैयारी तेज कर दी है. दोनों ही दलों को पता है कि संगठनों की मजबूती के बगैर आम मतदाता के बीच अपनी बात को नहीं पहुंचाया जा सकता. यही कारण है कि दोनों दलों ने संगठन की मजबूती पर जोर लगा दिया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में जीत आई थी तो भाजपा को सत्ता से दूर रहने पड़ा था. कांग्रेस महज डेढ़ साल तक ही सत्ता में रह सकी थी और पार्टी में बगावत के चलते सत्ता गंवाना पड़ी थी. उसके बाद भाजपा ने सत्ता संभाली, दोनों दलों को आगामी चुनाव आसान नहीं लग रहे. यही कारण है कि संगठन की कसावट के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
BJP-Congress ने हर मोर्चे को सक्रिय करने की रणनीति पर काम तेज किया
भाजपा के विधायकों और संगठन से जुड़े लोगों का दो दिनों तक बैठकों का दौर चला, इस बैठक में जमीनी फीडबैक (bjp ground level feedback meeting) लिया गया. विधायकों से लेकर मंत्रियों तक ने अपनी समस्याएं बताई, साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की स्थिति का ब्यौरा भी दिया. वहीं प्रदेश कार्यसमिति की शुक्रवार को भोपाल में बैठक हो रही है. भाजपा ने संगठन को मजबूत करने के प्रयास में आ रही ढीलाई पर कई नेताओं की खिंचाई भी की. भाजपा के कई मोर्चे के अलावा जिला इकाईयों की कार्यकारिणी का गठन न होने पर चिंता जताई. साथ ही, जल्दी गठन न होने पर चेतावनी भी दी . दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी हर मोर्चे को सक्रिय करने की रणनीति पर काम तेज कर दिया है. (mp congress ground level feedback meeting) कांग्रेस के महिला मोर्चा, अनुसूचित जनजाति के विधायकों व पदाधिकारी की बैठके हुई तो वहीं अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक हो रही है.