भोपाल। विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी और कांग्रेस की नजर भले ही आदिवासियों पर हो, लेकिन सियासी दलों की धड़कने आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने बढ़ा दी हैं. आदिवासी वोट कटने का खतरा सबसे ज्यादा बीजेपी को सता रहा है. ऐसे में भाजपा का गणित गड़बड़ा सकता है. भाजपा आदिवासियों को रिझाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं ला रही है. 22 फीसदी आबादी को अपने पाले में करने की तमाम कवायद हो रही है. राजनीतिक मामलों की समिति में चिंता जयस को लेकर उठी है. भाजपा के मंत्रियों ने कहा कि आदिवासियों के बीच युवाओं का दबदबा है. लगातार ये संगठन अपनी ताकत बढ़ा रहा है. आदिवासी संगठन जयस के साथ जुड़े युवाओं की संख्या 6 लाख से ज्यादा हो गई है. प्रदेश में पांच लाख तो देश में करीब 25 लाख युवा जयस के सदस्य बन चुके हैं. जयस आदिवासियों के साथ हो रही घटनाओं के विरोध में शक्ति प्रदर्शन करता आ रहा है. जिससे सियासी दलों की नींद उड़ी हुई है. (Bhopal Jayas can spoil BJP maths elections)
युवाओं में जयस को लेकर जोशःजयस के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा को लगता है कि जयस लगातार अपना विस्तार कर रहा है. अलावा का कहना है कि पूरे प्रदेश में आदिवासी युवा संगठन से जुड़ रहा है. कांग्रेस को जयस से मिल रहा है समर्थन. इसके चलते भाजपा की पेशानियों पर बल पड़ गए हैं. जयस की बढ़ती ताकत से कांग्रेस इसलिए खुश है, क्योंकि जयस के अध्यक्ष हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं. पार्टी को पूरा भरोसा है कि 2023 के चुनाव में जयस उसके साथ होगी और कांग्रेस को मजबूती मिलेगी. (Bhopal 22 percent population have big impact)