भोपाल। नवरात्रि के पहले गरबा आयोजकों को तगड़ा झटका लगा है. क्योंकि मध्य प्रदेश में गरबा का आयोजन बड़े स्तर पर करने वाली संस्थाओं को अब 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. जीएसटी काउसिंल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. विभाग का मानना है गरबा, नृत्य का बड़ा और सामूहिक आयोजन होता है. इसे सिखाने वाले एंट्री फीस लेने के साथ-साथ गरबा में भाग लेने वालों से भी फीस ली जाती है. लिहाजा ऐसे आयोजन टैक्स के दायरे में आ गए हैं. 18% जीएसटी दायरे में आने के बाद आयोजकों ने इसका विरोध किया है. इनका मानना है कि धार्मिक आयोजनों पर टैक्स उचित नहीं है.
गरबा देखने वालों पर पड़ेगा असर:अब गरबा कराने वाली संस्थाओं से 18% जीएसटी लिया जाएगा. पहले नोटिफिकेशन जो कि 12 दिसंबर 2017 का था उसमें छूट दी गई थी. लेकिन यदि कोई व्यक्ति नृत्य सिखाता है तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं आएगा. इसका सीधा असर शहरों में होने वाले गरबा जैसे बड़े आयोजनों में पड़ेगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक आयोजकों को इससे ज्यादा घाटा होने वाला नहीं है. क्योंकि वह एंट्री फीस के साथ साथ गरबा में भाग लेने वाले लोगों से पैसे वसूलेंगे. सीधा असर गरबा देखने वालों पर पड़ेगा.