भोपाल। शिवराज सरकार ने कामगारों को बंधुआ मजदूर बनाने की तैयारी कर ली है. न सदन में चर्चा, न मजदूर यूनियन से बात, गोपनीय साजिश रचकर नए कानून में मजदूरों के भाग्य विधाता उद्योगपति बना दिए गए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा श्रमिक नियमों में बदलाव की सिफारिश पर मप्र युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने कहा है कि 'सुन लो, शिवराज सिंह मध्यप्रदेश में मजदूरों के अधिकारों की हत्या नहीं करने देंगे, बंधुआ मजदूर बनाने वाला कानून लागू नहीं होने देंगे'.
मजदूरों के अधिकारों की हत्या और बंधुआ मजदूर बनाने वाला कानून लागू नहीं होने देंगे: कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सीएम शिवराज हमला करते हुए कहा है कि किसानों के लिए मंडी एक्ट और मजदूरों के लिए बनाए गए श्रम कानूनों में बदलाव किया जा रहा है. जिसमें कामगारों को बंधुआ मजदूर बनाने की तैयारी की जा रही है. ऐसा सिर्फ और सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचने के लिए लिया गया है.
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि कोरोना काल में शिवराज सिंह चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने, बगैर मंत्रिमंडल सरकार चलाने का रिकॉर्ड बनाकर कुछ मंत्री बनाए और अब सरकार सरकार कानूनों में गुपचुप तरीके से बदलाव कर रही है. एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान सभी कानूनी प्रक्रियों को ताक पर रखकर किसानों के लिए मंडी एक्ट और मजदूरों के लिए बनाए गए श्रम कानूनों में बदलाव कर रही है. जिसकी घोषणा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कर दी है. कुणाल चौधरी ने सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि सीएम शिवराज ने बगैर किसी चर्चा के इतना बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि जिस वर्ग को फायदे पहुंचाने के नाम पर ये संशोधन किए जा रहे हैं, क्या वाकई उनको फायदा होगा ?
कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि सीएम का यह कदम सिर्फ और सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रम कानूनों में कुछ बदलाव करने की घोषणा की है. इसके तहत न्यूनतम प्रतिबंधों के साथ कारखानों में अधिकतम उत्पादन की अनुमति भी शामिल है. इसके अलावा सरकार कारखानों में श्रमिकों के काम के घंटे बढ़ाने की अनुमति दे सकती है और सप्ताह में 72 घंटे तक ओवरटाइम की अनुमति दे सकती है. केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्य में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें और बस चलाई हैं. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला हैरान करने वाला है, क्योंकि इस कानून में किए गए बदलाव के बाद अब सारे निर्णय लेने का अधिकार मालिकों के पास होगा और मजदूर सिर्फ उनके हाथों में कटपुतली बनकर रह जाएगा.