भोपाल।गांधी मेडिकल कॉलेज में सोमवार को नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम से मेडिकल नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरूआत की. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कॉलेज के ब्रोशर का विमोचन भी किया. मंत्री सारंग ने इस दौरान कई सारी घोषणाएं भी की. (Vishwas Sarang launches knowledge exchange program)
विश्वास सारंग ने नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम का शुभारंभ किया सारंग ने चिकित्सकों और छात्रों को ऑनलाइन संबोधित किया:मंत्री सारंग ने ऐलान करते हुए कहा कि जीएमसी का ऑडिटोरियम वातानुकूलित बनेगा. इसके साथ ही सभी मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों की सुविधा के लिये रि-क्रिएशन सेंटर स्थापित किये जायेंगे. मंत्री सारंग ने कहा कि हमीदिया के इमरजेंसी विभाग को नम्बर-वन बनाया जायेगा. इस दौरान उन्होंने सभी शासकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सकों और छात्रों को ऑनलाइन संबोधित भी किया.
नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम से बौद्धिक क्षमता का आदान-प्रदान:मंत्री सारंग ने मीडिया को बताया कि नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिए एक-दूसरे की बौद्धिक क्षमता का आदान-प्रदान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से धन को इकट्ठा करने से वह बढ़ता है, उसी तरह ज्ञान बांटने से यह भी बढ़ता है. चिकित्सा शिक्षा एक महत्वपूर्ण विभाग है. डॉक्टर जीता-जागता भगवान है, उसे पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिये नियत किया गया है.
जूनियर डॉक्टरों की स्टाइपेंड में बढ़ोतरी: मंत्री सारंग का कहना है कि हर डॉक्टर को समाज-सेवा करने का संकल्प लेना होगा. अपने लिये नहीं, परिवार के लिये नहीं, समाज निर्माण के लिये कार्य करें. उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा जरूरी है. देश का युवा स्वामी विवेकानंद बनने को तैयार है, लेकिन उसे रामकृष्ण परमहंस जैसे गुरू की आवश्यकता है. इस दौरान उन्होंने जूनियर डॉक्टरों के बारे में बात करते हुए कहा वे स्टाइपेंड की मांग को लेकर कई बार हड़ताल पर चले जाते हैं. अब ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे उनके स्टाइपेंड को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जा रहा है. इसकी वजह से उनका स्टाइपेंड भी लगातार बढ़ता रहेगा और वह हड़ताल पर नहीं जाएंगे. (increase in stipend of junior doctors)
आनंद राय के निलंबन पर मंत्री सारंग का बयान, उन्होंने सेवा नियमों का उल्लंघन किया, अनुशासनहीनता नहीं करेंगे बर्दाश्त
स्टूडेंट वेलफेयर पर मंत्री सारंग का बयान:मेडिकल एजुकेशन को सुरक्षित बनाने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है. नित नये नवाचार कर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. स्टूडेंट वेलफेयर की दिशा में काम हो रहा है. छात्र बीमा योजना इसका उदाहरण है. मेडिकल क्षेत्र में लगातार सीट्स में वृद्धि हो रही है. नये कोर्सेस लाये जा रहे हैं. हिन्दी में एमबीबीएस की पढ़ाई की शुरूआत की गई है. अप्रैल माह में 3 विषयों की हिन्दी पुस्तक आ जायेंगी. यह एक समानांतर व्यवस्था रहेगी. उन्होंने थ्री-डी प्रिंटिंग के बारे में बताया कि जो सपना हम देखते हैं, उसे मशीन बना देती है. उन्होंने कहा कि मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर शुरू करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा. आईआईटी इंदौर के साथ इस सेंटर की शुरूआत की जायेगी.