बड़वानी।रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा सेंधवा में हुई हिसा और पथराव की घटना के बाद शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील एहतेशाम हाशमी ने सेंधवा पहुंचने की कोशिश की. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें शहर की सीमा से 10 किलोमीटर दूर ही रोक कर बैरंग वापस लौटा दिया. मेधा पाटेकर ने इसे लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम वहां लोगों से शांति की अपील करने जा रहे थे बावजूद इसके हमें रोका गया.
सेंधवा जा रहीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और वकील एहतेशाम हाशमी को पुलिस ने रोका, बैरंग वापस लौटाया - 10 किलीमीटर पहले से वापस लौटाया
पाटकर और एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने पूरे मामले की इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमें जाने से रोका जा रहा है, इससे लगता है कि कुछ तो गलत हुआ है.
सरकार ज्यादती कर रही है:समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा कि खरगोन और सेंधवा में जो हो रहा है, वह बहुत दुखद है. पाटकर ने कहा कि सरकार युवाओं पर ज्यादती कर रही है कई ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है जिनपर कोई आरोप नहीं है, उनका कोई पंचनामा नहीं, नुकसान की भरपाई की कोई बात नहीं की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो युवा जेल में है उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में कहा कि हम महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं और हमारा रास्ता हमेशा शांति का रहेगा.
एसआईटी के गठन की मांग:पाटकर के साथ एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने पूरे मामले की इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट से भी इसकी मांग करेंगे. वहीं खुद को रोके जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ तो गलत हुआ है जिसके चलते वकील और समाजसेवियों को अंदर जाने से रोका जा रहा है.