भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुठियाला के कार्यकाल में कई संस्थाओं को सेमिनार कॉन्फ्रेंस और सभाओं के लिए मनमाना अनुदान बांटा गया है. यह बात ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आई है. बताया जा रहा है कि कुठियाला ने अपात्र संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए सेमिनार और कॉन्फ्रेंस के लिए ऐसी संस्थाओं को चुना जिनके पास कोई तजुर्बा या उस विषय से संबंधित कोई जानकारी नहीं थी, इसके बावजूद पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने इन संस्थाओं को ग्रांट बांटी.
एमसीयू के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने अपात्र संस्थाओं को बांटा था मनमाना अनुदान-EOW
मनमाने तरीके से ग्रांट बांटने की बात सामने आने के बाद अब ईओडब्ल्यू ने इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने माखनलाल विश्वविद्यालय की जांच समिति को निर्देश दिए हैं कि अनुदान से जुड़ी सभी संस्थाओं की जांच की जाए साथ ही कितनी ग्रांट बांटी गई है इसकी जानकारी जुटाई जाए.
मनमाने तरीके से ग्रांट बांटने की बात सामने आने के बाद अब ईओडब्ल्यू ने इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने माखनलाल की जांच समिति को निर्देश दिए हैं कि अनुदान से जुड़े सभी संस्थाओं की जांच की जाए साथ ही कितनी ग्रांट बांटी गई है इसकी जानकारी जुटाई जाए. साथ ही यह संस्थाएं किस आधार पर सेमिनार और कॉन्फ्रेंस कराने के लिए मान्य थी इसकी भी बारीकी से जांच की जाए. ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने बताया कि कुठियाला के कार्यकाल में कई कॉन्फ्रेंस और सेमिनार समेत सभाएं आयोजित की गई हैं. अब इन सभी की जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि इन संस्थाओं को कितना अनुदान दिया गया है.
एमसीयू फर्जी नियुक्ति मामले में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. एक तरफ से ईओडब्ल्यू की जांच लगातार जारी है तो वहीं भोपाल जिला अदालत में बीके कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही कुठियाला को हिरासत में लिया जा सकता है.