भोपाल।केंद्रीय हाई कमान से राज्यसभा के लिए एमपी से दोनों महिला प्रत्याशियों के नामांकन ने प्रदेश बीजेपी नेताओं को भौचक्का कर दिया है. दो महिलाओं को ,एक दलित और एक ओबीसी को टिकट दिए जाने का अंदेशा किसी को नहीं था , लेकिन केंद्र के फैसले ने सबको चौका दिया. दोनों टिकट महिलाओं को ,प्रदेश के नेताओं को भनक भी नहीं लगी. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं मालूम था कि सुमित्रा वाल्मिकी का नाम राज्यसभा के लिए तय चुका है. खुद उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि ऐलान होते ही सारी व्यवस्थाएं आननफानन में की गईं.
sumitra valmiki filed nomination: सीएम शिवराज ने बताया वाल्मिकी समाज का सम्मान, जमीन से जुड़ी कार्यकर्ता, प्रशासन के पास उनका मोबाइल नंबर तक नहीं था
केंद्रीय हाई कमान से राज्यसभा के लिए एमपी से दोनों महिला प्रत्याशियों के नामांकन ने प्रदेश बीजेपी नेताओं को भौचक्का कर दिया है. दो महिलाओं को ,एक दलित और एक ओबीसी को टिकट दिए जाने का अंदेशा किसी को नहीं था , लेकिन केंद्र के फैसले ने सबको चौका दिया है. दोनों ही कैंडिडेट नामांकन दाखिल कर चुकी हैं.
मोदी सरकार ने वाल्मिकी समाज को दिया सम्मान: Cm शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने न सिर्फ दलित का सम्मान किया बल्कि वाल्मीकि समाज की महिला नेता को राज्यसभा पहुंचाकर समाज को बहुत ऊंचा सम्मान दिया है. जबलपुर से नाता रखने वाले सुमित्रा वाल्मीकि रात में ही ट्रेन से भोपाल पहुंचीं और सुबह बीजेपी कार्यालय पहुंच गईं. खास बात यह रही कि इस दौरान उनके साथ कुछ कार्यकर्ता तो आए लेकिन जबलपुर बीजेपी के बड़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी. सुमित्रा के नामांकन के वक्त भी जबलपुर बीजेपी से बड़ा नेता नहीं पहुंचा.