भोपाल।बीजेपी और कांग्रेस के लिए पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat and Urban Bodies Elections) बेहद महत्वपूर्ण होता जा रहा है. यह चुनाव मिशन 2023 का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है.(Madhya Pradesh Mission 2023 ). (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) इसी को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. बैठक के दौरान कमलनाथ ने कहा कि भाजपा की नीति ओबीसी वर्ग विरोधी है. भाजपा सरकार के नाकारापन के कारण ओबीसी वर्ग का आरक्षण कम हुआ है (OBC category reservation).
ओबीसी वर्ग के खिलाफ शिवराज का षड्यंत्र: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक (congress legislature party meeting) हुई. इसमें नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह का कांग्रेस विधायक दल ने स्वागत किया. इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि डॉ.गोविंद सिंह विधायकों में बेहद वरिष्ठ हैं. इसलिए उन्हें यह दायित्व मिला है. उनका यह अनुभव हम सभी के काम आएगा.पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, भाजपा की नीति आदिवासी और ओबीसी वर्ग विरोधी है. षड्यंत्र रचकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को खत्म करने का काम किया है. हमारी सरकार में हमने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया, लेकिन भाजपा सरकार ने न्यायालय में ठीक ढंग से पक्ष नहीं रखा. आधी-अधूरी रिपोर्ट और आंकड़े पेश किए. ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया. इसके कारण ओबीसी वर्ग का आरक्षण कम हो गया है.
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कांग्रेस ने लड़ी आरक्षण की लड़ाई, जश्न में डूबी बीजेपी: पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक, भाजपा प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत और नगरीय निकाय का चुनाव कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस ने इस वर्ग की लड़ाई को लड़ा. सदन के अंदर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराया गया कि, बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में चुनाव ना हो. भाजपा इसपर जश्न मना रही है कि उसने ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिलाया. जबकि सच्चाई यह है कि, भाजपा सरकार के कारण ओबीसी वर्ग का आरक्षण कम हो गया.