भोपाल। मध्यप्रदेश आज अपना 66वां स्थापना दिवस (Madhya Pradesh 66th formation day) 'मध्यप्रदेश उत्सव' मना रहा है.आज से 65 वर्ष पहले देश के ह्दय स्थल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश की स्थापना हुई थी.
66वें स्थापना दिवस की थीम "आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश"
इस बार मध्यप्रदेश का 66वां स्थापना दिवस "आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश" की थीम पर मनाया जा रहा है. प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि राज्य स्तर पर "मध्यप्रदेश उत्सव" का भव्य आयोजन लाल परेड ग्राउंड में शाम 6:30 बजे होगा. उत्सव का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध पार्श्व गायक मोहित चौहान की संगीतमय प्रस्तुति होगी. साथ ही "आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश" की थीम पर दिल्ली की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मैत्री पहाड़ी के निर्देशन में लगभग 275 साथी कलाकारों की समवेत नृत्य-नाट्य की प्रस्तुति होगी. करीब 45 से 50 मिनट की अवधि के नृत्य-नाटक को ध्वनि प्रकाश माध्यमों से प्रस्तुत किया जाएगा. कार्यक्रम का प्रसारण सीएम मध्यप्रदेश, जनसंपर्क एमपी और संस्कृति विभाग के फेसबुक, ट्वीटर सहित डीडी एमपी चैनल पर किया जायेगा. कार्यक्रमों में कोविड-19 संबंधी गाइड-लाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया गया है.
उप चुनाव वाले जिलों में नहीं होगी कार्यक्रम
उप निर्वाचन वाले जिलों को छोड़कर सभी जिला मुख्यालयों पर समारोह आयोजित किया जा रहा है. मुख्य रूप से "आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए जन-भागीदारी अभियान" पर केंद्रित गायन, वादन, नृत्य, वाद-विवाद प्रतियोगिता, मैराथन दौड़, रैली, प्रभात फेरी का आयोजन हो रहा है. प्रमुख शासकीय भवनों और ऐतिहासिक इमारतों पर रात में प्रकाश की व्यवस्था की गई है.
सीएम शिवराज सिंह ने दी बधाई
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी प्रदेश वासियों को दी शुभकामनाएं
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस: विविधताओं से लबरेज है देश का दिल, दिखती है संपूर्ण भारत की झलक
जानिए मध्यप्रदेश से जुड़ी खास बातें...
1.विरासत में मिली संपदा
देश की आजादी के पहले मध्यप्रदेश में कई राजाओं ने शासन किया। राज्य कई रियासतों में बंटा था. राजा-महाराजाओं की विरासत की झलक आज भी मध्य प्रदेश के कोने-कोने में दिखाई देती है. यहां बुंदेल, चंदेल, गुप्त, कलचुरी, मराठा राजवंश ने अलग-अलग कालखंड़ों में राज किया. राजाओं के महल और उनके समय बनाए गए मंदिर स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं. इनमें ग्वालियर, मांडू, महेश्वर, मदनमहल, चंदेरी के किले मशहूर हैं। ऐसे एक दो नहीं बल्कि 17 किले और महल हैं जो राज्य की शान में चार चांद लगाते हैं.
2.प्राकृतिक सौंदर्य करती है आकर्षित
प्रदेश पर प्रकृति इतनी मेहरबान है कि यहां पर 6 ऋतुएं समय-समय पर अपना प्रभाव दिखलाती है. मध्य प्रदेश की नैसर्गिक खूबसूरती बरबस ही सबका मन मोह लेती है. देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्य प्रदेश में है. छोटी-बड़ी 32 नदियां यहां बहती हैं. प्रदेश में गंगा से भी पुरानी मानी जाने वाली नर्मदा नदी जीवनदायिनी है. ये अमरकंटक की मैकल पर्वत श्रंखला से निकलकर गुजरात और महाराष्ट्र को सिंचती हुई अरब सागर में जाकर समा जाती है. प्रदेश में स्थित 9 नेशनल पार्क का प्राकृतिक सौंदर्य अनुपम है. यहां का वन्य जीवन देश विदेश के पर्यटकों को लुभाता है.