भोपाल: शिवराज सरकार की कैबिनेट बैठक में पेट्रोल डीजल पर टैक्स घटाने का फैसला लोगों को राहत नहीं देगा. वाणिज्य कर विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि टैक्स गणना की विसंगति दूर करने के लिए सेस से सेस (उपकर) हटाया गया है, इससे पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, और ना ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत मिलेगी. इसके अलावा प्रदेश के तीन शहरों में विश्वद्यालय खोलने की अनुमति दी गई है.
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पेट्रोलियम कंपनियों की टैक्स गणना की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक फीसदी सेस पर लगे सेस को खत्म किया गया है. जबकि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स जस का तस रहेगा. सेस पर एक फीसदी सेस हटने से मुश्किल से एक पैसे का अंतर आएगा, जो जनता पर पड़ रही महंगाई की मार के आगे नाकाफी है. वर्तमान में डीजल पर कुल 27 फीसदी टैक्स लगाया जा रहा है, जिसमें 23 फीसदी वेट तीन रुपए प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी और एक फीसदी सेस शामिल है. वहीं पेट्रोल पर कुल 39 फीसदी टैक्स लगाया जा रहा है, जिसमें 33 फीसदी वैट, 4.50 पैसे प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी और एक फीसदी सेस शामिल है.
मिलावटखोरी पर आजीवन कारावास
मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए तीन साल की सजा के प्रावधान को आजीवन कारावास में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसी तरह एक्सपायरी डेट की दवा बेचने पर अब पांच साल की सजा का प्रावधान होगा. गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, इंटरपोल से नकली कोरोना वैक्सीन का सरकार को इनपुट मिला है. इसी तरह ग्वालियर में नकली प्लाज्मा बेचने की घटना भी सामने आ चुकी है, इसको देखते हुए सजा के सख्त प्रावधान किए गए हैं.
खनिज अधिनियम संशोधन को मंजूरी
गौण खनिज अधिनियम 1996 में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है, इसके तहत अब 31 गौण खनिज को शामिल किया गया है. अब ऑनलाइन आवेदन पर पट्टा मिलेगा. अधिनियम में संशोधन के बाद पत्थर से रेत बनाने की भी मंजूरी मिलेगी. पट्टा धारी गौण खदानों में मध्य प्रदेश के 75 फीसदी लोग काम करेंगे.