नई दिल्ली/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही मध्यप्रदेश सुशासन के क्षेत्र में देश के सामने उदाहरण बनकर खड़ा हो सका है. आज से 15 वर्ष पहले मध्यप्रदेश जिन क्षेत्रों में बहुत पीछे था और बीमारू राज्य कहलाता था, उन क्षेत्रों में लगातार प्रगति के प्रयास किए गए, जिसका परिणाम यह है कि मध्यप्रदेश पहले विकासशील राज्य बना और अब विकसित प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा है. मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी से विकास का मॉडल लागू किया गया है. पिछले दो साल में कोविड महामारी के नियंत्रण में इस मॉडल की उपयोगिता सिद्ध हुई.
मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 की लांचिंग:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में सोमवार को मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 की लांचिंग की. कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई केन्द्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और मध्यप्रदेश कैडर के अखिल भारतीय स्तर के प्रशासनिक, पुलिस और वन सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे.
मध्यप्रदेश में 3 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें बनीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की उपलब्धियों में प्रधानमंत्री जी का निर्देशन महत्वपूर्ण रहा है. मध्यप्रदेश में 3 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें विभिन्न योजनाओं में निर्मित की गईं. बिजली का उत्पादन 05 हजार मेगावॉट से बढ़ाकर 21 हजार मेगावॉट तक पहुंचाया गया. कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूं उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है. मध्यप्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूं अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात होता है. अब गेहूं के निर्यात के लिए प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं. प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है.
एमपी की विकास दर 19.7 प्रतिशत जो देश में सर्वाधिक:मध्यप्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केन-बेतवा योजना की मंजूरी से मध्यप्रदेश के बड़े इलाके को लाभान्वित करने की पहल की है. प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है. देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.