भोपाल। मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव के नतीजे आ गए हैं. भाजपा ने दो विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज करके 2023 के लिए 'लिटमस टेस्ट' पास कर लिया है (BJP passed litmus test by winning by-elections). वहीं, कांग्रेस को एक विधानसभा क्षेत्र में सफलता मिली है. नतीजों से भाजपा उत्साहित है, जबकि कांग्रेस नतीजों की समीक्षा करने की तैयारी में है (Congress to do review). राज्य के जोबट व पृथ्वीपुर के अलावा खंडवा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं, वहीं कांग्रेस को रैगांव में सफलता मिली है. इन नतीजों के बाद भाजपा के प्रदेश कार्यालय में जश्न का माहौल रहा. प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि कार्यकर्ताओं की लगातार मेहनत और जनता के भरोसे पर यह जीत मिली है.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह हमारे कार्यकर्ता, पूरे संगठन, मंत्रियों के परिश्रम तथा जनता के भरेासे की जीत है. कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने इन उप चुनाव में पसीना बहाया है, वे नवरात्रि, दशहरा और करवाचैथ पर भी घर नहीं गए.
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उपचुनाव में हार की समीक्षा करेगी कांग्रेसः
चार में से तीन सीटों पर हुई हार के बाद कांग्रेस ने कहा कि वह इन चुनाव परिणामों की समीक्षा करेगी. कांग्रेस का कहना है कि भले ही हम विधानसभा की 2 सीटें और एक लोकसभा सीट हार गए हैं, लेकिन भाजपा की रैगांव सीट में जीत दर्ज कर हमने बता दिया है कि जनता अभी भी कांग्रेस के साथ है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उपचुनाव में जीत दर्ज की है. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, हम जनादेश का सम्मान करते हैं, उसे स्वीकार करते हैं.
इन परिणामों की हम समीक्षा करेंगे, मंथन, चिंतन करेंगे. इन चुनावों में हमारा मुकाबला भाजपा के साथ-साथ उसके धनबल, प्रशासन के दुरुपयोग, सरकारी मशीनरी, गुंडागर्दी से भी था.
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि रैगांव सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है, जिस पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. वहीं पृथ्वीपुर और जोबट सीट में भाजपा ने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और धनबल के चलते काफी कम मार्जिन से जीती है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2023 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस मजबूती के साथ वापसी करेगी.
भाजपा ने क्यों पास किया 2023 के लिए 'लिटमस टेस्ट' ?
मध्य प्रदेश में रबी की फसल की बुवाई के बाद किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. सरकार व्यवस्था सुधारने और किसानों को खाद मुहैया कराने के लाख दावे कर रही है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. एक तरफ किसान परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ जगहों में खाद की कालाबाजारी देखने को मिल रही है. विपक्ष ने इस उप चुनाव में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी.
- पैदा हो रहे हैं महंगाई के समर्थक !
दूसरी तरफ महंगाई जिसने आम जनता की कमर तोड़ के रख दी है, ये मुद्दा भी इस दौर में विपक्ष के किसी काम का नहीं रहा. महंगाई के सवाल पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा कि ''महंगाई अब विश्वव्यापी समस्या बन गई है. ऐसा नहीं है कि वर्तमान में महंगाई केवल भारत में ही है. इससे सभी लोग जूझ रहे हैं. कोविड के बाद पूरी दूनिया में महंगाई बढ़ी है. इसके बावजूद भारत अपनी अर्थव्यवस्था को संभाले हुए है. इसे लेकर इंटरनेशनल मॉनिटिरिंग फंडिग (International Monitoring Funding) ने भी भारत की तारीफ की है. यही नहीं आने वाले समय में जीडीपी 8-10% रहेगी, जो एक कुशल नेतृत्व को दर्शाता है. जीडीपी बढ़ने से महंगाई भी कम होगी, साथ ही बेरोजगारी का भी तेजी से निराकरण होगा".
भाजपा नेताओं के ऐसे जवाब अब देश में महंगाई के समर्थकों को जन्म दे रहे हैं. जनता महंगाई को समान्य मान रही है और वह सरकार के साथ खड़ी नज़र आ रही है.
- भाजपा को अदिवासियों का सपोर्ट
चार सीटों पर हुए उपचुनाव में खंडवा लोकसभा सीट, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स ने अहम भूमिका निभाई. लिहाजा भाजपा आदिवासियों को लुभाने में कामयाब रही. भाजपा ने खंडवा लोकसभा सीट, पृथ्वीपुर और जोबट की विधानसभा सीट जीत कर ये साफ कर दिया है कि कांग्रेस का आदिवासी वोट बैंक अब खिसक चुका है और वह भाजपा के साथ आ गया है.