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मध्य प्रदेश में खाली होने वाली तीन राज्यसभा सीटों पर नेताओं की नजर, कदमता में जुटे माननीय, जानें कौन हैं प्रमुख दावेदार...

मध्य प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटें खाली होने जा रही हैं, जिसको लेकर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. इनमें से दो सीटों पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस के सदस्य के निर्वाचित होने की पूरी संभावना है. दावेदारी को लेकर माननीयो ने कदमताल शुरु कर दी है.

Long list of contenders for MP three Rajya Sabha seats
एमपी तीन राज्यसभा सीटें पर दावेदारों की लंबी फहरिस्त

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Published : Mar 28, 2022, 3:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में जल्दी ही राज्यसभा की तीन सीटें खाली होने वाली हैं. यही कारण है कि कई नेताओं ने राज्यसभा में जाने के लिए कदमताल शुरू कर दी है. प्रदेश में आगामी समय में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है, इनमें से दो सीटों पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस के सदस्य के निर्वाचित होने की पूरी संभावना है. ऐसा विधायकों की संख्या के आधार पर है. बीजेपी की अगर बात करें, तो दावेदारों की लंबी चैड़ी फेहरिस्त है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा रहा है. मगर बीजेपी अपने फैसलों से लगातार चौंका रही है, इसलिए इस बार भी नए चेहरे सामने आए तो अचरज नहीं होगा.

उमा भारती का दावा मजबूत: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. इसके चलते संभावना इस बात की जताई जा रही है कि वे भी राज्यसभा में जाने की कोशिश करने में पीछे नहीं रहेंगी. सियासी गलियारों में चर्चा तो यह भी है कि बीजेपी दो में से एक महिला, पिछड़ा वर्ग या आरक्षित वर्ग से भेज सकती है, इन स्थितियों में भी उमा भारती का दावा मजबूत बनेगा. दूसरी ओर, कांग्रेस के खाते में राज्यसभा की एक सीट जाना तय है और इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए पार्टी के अंदर खाने कोशिशें जारी हैं.

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राज्य के नेताओं का सोनिया गांधी से मेल मुलाकात का दौर तेज: कांग्रेस में मुख्य दावेदारों के तौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे हैं. यहां विवेक तन्खा की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उनका बगावती तेवर अपनाने वाले जी-23 समूह से होना माना जा रहा है. कांग्रेस में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच दूरियां बनी हुई हैं, जिसके चलते संभावना इस बात की जताई जा रही है कि पार्टी हाईकमान अपने स्तर पर फैसला करेगा. इन्हीं संभावनाओं के कारण ही राज्य के नेताओं की सोनिया गांधी से मेल मुलाकात का दौर तेज हो गया है.

इनपुट - आईएएनएस

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