भोपाल। हर साल की तरह इस साल भी किन्नरों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार भुजरिया धूमधाम से मनाया गया. किन्नरों के इस पर्व में प्रदेश के सैकड़ों किन्नरों ने जुलूस निकाला. भुजरिया त्योहार की मान्यता राजा भोज के वक्त से है , जब अकाल पड़ने पर किन्नरों ने भगवान से अच्छी बारिश की प्रार्थना की थी जो स्वीकार हुई. जिसके बाद से ये त्योहार मनाया जाने लगा.
किन्नरों ने निकाला भुजरियों का भव्य जुलूस, राजा भोज से जुड़ी है कहानी - mp news kinnar juloos
किन्नरों ने शहर में निकाला भुजरीया का भव्य जुलूस. सैकडो किन्नरों ने लिया भाग.

भुजरिया का जुलूस
भुजरिया का जुलूस
हर साल राखी के एक दिन बाद मनाए जाने वाले इस त्यौहार में किन्नर सज धज कर भाग लेते हैं और भगवान से अच्छी बारिश की दुआ करते हैं. किन्नर समाज में इस त्यौहार को सबसे बड़ा माना जाता है. राजधानी के पीर गेट से गुफा मंदिर तक भुजरिया की जुलूस निकाला गया.