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MP के स्कूलों में हिजाब बैन! शिक्षा मंत्री का बयान- ड्रेस कोड का हिस्सा नहीं है हिजाब

कर्नाटक के उडुपी के महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में हिजाब और भगवा स्कार्फ पहनकर आए छात्रों ने नारेबाजी की. कई दिनों से चल रहा हिजाब-भगवा का झगड़ा. (Karnataka Hijab saffron controversy) इधर मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होने कहा कि राज्य के स्कूलों में ड्रेस कोड ही लागू रहेगा. हिजाब ड्रेस कोड का हिस्सा नहीं है लिहाजा इस पर किसी किस्म की ढील नहीं दी जा सकती.

Karnataka Hijab saffron controversy
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद

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Published : Feb 8, 2022, 12:26 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 3:43 PM IST

हैदराबाद/भोपाल। कर्नाटक में लड़कियों के हिजाब का विवाद एमपी तक आ गया है. राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि यहां स्कूल का ही ड्रेस कोड लागू होगा. जाहिर है हिजाब यूनिफॉर्म कोड में नहीं है लिहाजा इस लेकर पूर्व के नियम ही लागू होंगे. वहीं राज्य के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों में जो ड्रेस कोड से इतर कुछ भी मंजूर नहीं. जो भी इसका उल्लंघन करेगा उस पर एक्शन होगा. सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और न्याय की मांग होगी. स्कूल यूनिफॉर्म कोड पर काम चल रहा है और नेक्स्ट सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड लागू हो जाएगा. वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि यह गांधी और अंबेडकर के सिद्धांतों वाला देश है और अगर प्रतिबंध लगा तो कोर्ट का दरवाजा खुला है.

मामला कर्नाटक के स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवाद (Karnataka Hijab Row) का है जो अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस लड़ाई में सिर्फ कर्नाटक ही नहीं बल्कि पूरा देश सम्मिलित हो रहा है. वहीं आज मंगलवार को हिजाब विवाद मामले में हाई कोर्ट सुनवाई करेगा, लेकिन उससे पहले ही उडुपी के महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में हिजाब और भगवा स्कार्फ पहनकर आए छात्रों ने नारेबाजी की. कॉलेज के कई छात्रों ने एक तरफ भगवा रंग का स्कार्फ पहनकर हिजाब का विरोध किया तो वहीं कुछ छात्रों ने हिजाब पहनकर इसका साथ दिया.(students protest wearing hijab and saffron scarves)

छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी
कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद मामले में आज हाई कोर्ट सुनवाई करेगा(Karnataka Hijab saffron controversy). यह सुनवाई पांच लड़कियों की ओर से दायर की गई याचिका पर होने जा रही है. दरअसल, उडुपी में एक जनवरी को सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया था. ये सभी छात्राएं हिजाब पहने हुई थीं. कॉलेज प्रबंधन ने प्रतिबंध लगाने के पीछे नए यूनिफार्म लॉ का हवाला दिया. यह मुद्दा अब उडुपी के अन्य सरकारी कॉलेजों में भी फैल चुका है. कुंदापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया गया. इसके बाद से कई छात्राएं हिजाब पर प्रतिबंध लगाए जाने का लगातार विरोध कर रही हैं.

पूरे देश में चल रहा हिजाब-भगवा का झगड़ा
हिजाब विवाद की चिंगारी अब एक कॉलेज से बढ़कर कई कॉलेजों तक पहुंच गई है. साथ ही यह आग की तरह पूरे देश के लोगों तक पहुंच रही है. इंस्टाग्राम से लेकर फेसबुक तक इसका समर्थन और विरोध चल रहा है. एक पक्ष इस तर्क के समर्थन में है कि कक्षा में हिजाब पहनने की आजादी धार्मिक स्‍वतंत्रता है, जबकि एक अन्‍य पक्ष इसके विरोध में है. विरोध कर रहे स्‍टूडेंट्स के समूह ने भगवा शॉल पहनकर कॉलेज आना शुरू कर दिया, जिससे विवाद हिजाब-भगवा का झगड़ा बन गया. वहीं अब इस्टाग्राम और ट्वीटर पर भी लगातार यह ट्रेंड कर रहा है. जो इसके समर्थन में है वह #behijabes कर के एक दूसरे को टैग कर रहे हैं.

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हिजाब के समर्थन में छात्रों का क्या है कहना
इस मामले में विरोध कर रही छात्रों का कहना है कि नैतिकता का पालन करना उनका अधिकार है, लेकिन दूसरी ओर शैक्षणिक संस्थानों में इसे बढ़ावा देने से हर बच्चे की एकता भी प्रभावित हो सकती है. साथ ही बच्चे धार्मिक पहलू पर भेदभाव करने लगेंगे. जो हमारे देश के लिए खतरे से खाली नहीं होगा. उनका कहना है कि इसे विकल्प के तौर पर ना रखे, यह हमारा अधिकार है इसे हमसे ना छीनें.

Last Updated : Feb 8, 2022, 3:43 PM IST

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