भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस हाईकमान ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए कमलनाथ द्वारा दिये गये नये नेता प्रतिपक्ष के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया है. दिल्ली से जारी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पत्र के मुकाबिक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह को तत्काल प्रभाव से सौंप दी गई है. सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए कमलनाथ पास जिम्मेदारियां बढ़ गई थीं और प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी में उनकी दोहरी भूमिका हो गई थी. अब कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे.
कौन हैं डॉ. गोविंद सिंह ? :गोविंद सिंह मध्यप्रदेश कांग्रेस के एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जो लगातार सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं. पहला चुनाव 1990 में जनता दल से लड़ा था, तब वे 14 हजार वोटों से जीते थे. 1993 में कांग्रेस से अब तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं.
डॉ. गोविंद सिंह का सफर:
- डॉ. गोविंद सिंह का जन्म एक जुलाई 1951 में भिंड के ग्राम वैशपुरा में एक कृषक परिवार में हुआ.
- 2018 में 7वीं बार लहार विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.
- डॉ. गोविंद सिंह छात्र जीवन से ही सामाजिक और राजनैतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं. उन्होंने BA और शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर से BAMS की डिग्री ली थी.
- साल 1971-72 में पत्रिका सचिव व वर्ष 1974-75 में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर छात्रसंघ अध्यक्ष और जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ कार्यकारिणी के सदस्य निर्वाचित हुए.
- 1979 से 1982 और वर्ष 1984-85 में सहकारी विपणन संस्था मर्यादित, लहार के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
- 1984 से 1986 तक जिला सहकारी भूमि विकास बैंक भिण्ड के संचालक, 1985 से 1987 तक नगर पालिका परिषद लहार के अध्यक्ष पद पर रहे.
- वे 1990 में पहली बार 9वीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
- 1998 में राज्य मंत्री गृह, 26 अप्रैल 2000 से राज्य मंत्री सहकारिता (स्वतंत्र प्रभार) और 12 अगस्त 2002 से मंत्री सहकारिता विभाग रहे.
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