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Mission 2023: कमलनाथ ने छोड़ा नेता प्रतिपक्ष का पद, गोविंद सिंह बने कांग्रेस के नये नेता प्रतिपक्ष - Mission 2023

मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में अभी एक साल से भी ज्यादा का वक्त बाकी है, लेकिन राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं. यहां वजह है कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया है और गोविंद सिंह अब कांग्रेस के नये नेता प्रतिपक्ष बन गये हैं. (Govind Singh new congress opposition leader)

Kamalnath resigned from opposition leader post Govind singh will be new congress opposition leader
कमलनाथ ने छोड़ा नेता प्रतिपक्ष का पद, गोविंद सिंह होंगे कांग्रेस के नये नेता प्रतिपक्ष

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Published : Apr 28, 2022, 5:46 PM IST

भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस हाईकमान ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए कमलनाथ द्वारा दिये गये नये नेता प्रतिपक्ष के प्रपोजल को स्वीकार कर लिया है. दिल्ली से जारी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पत्र के मुकाबिक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह को तत्काल प्रभाव से सौंप दी गई है. सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए कमलनाथ पास जिम्मेदारियां बढ़ गई थीं और प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी में उनकी दोहरी भूमिका हो गई थी. अब कमलनाथ प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे.

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का पत्र

कौन हैं डॉ. गोविंद सिंह ? :गोविंद सिंह मध्यप्रदेश कांग्रेस के एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जो लगातार सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं. पहला चुनाव 1990 में जनता दल से लड़ा था, तब वे 14 हजार वोटों से जीते थे. 1993 में कांग्रेस से अब तक लगातार चुनाव जीतते रहे हैं.

डॉ. गोविंद सिंह का सफर:

  • डॉ. गोविंद सिंह का जन्म एक जुलाई 1951 में भिंड के ग्राम वैशपुरा में एक कृषक परिवार में हुआ.
  • 2018 में 7वीं बार लहार विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.
  • डॉ. गोविंद सिंह छात्र जीवन से ही सामाजिक और राजनैतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं. उन्होंने BA और शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर से BAMS की डिग्री ली थी.
  • साल 1971-72 में पत्रिका सचिव व वर्ष 1974-75 में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर छात्रसंघ अध्यक्ष और जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ कार्यकारिणी के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • 1979 से 1982 और वर्ष 1984-85 में सहकारी विपणन संस्था मर्यादित, लहार के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
  • 1984 से 1986 तक जिला सहकारी भूमि विकास बैंक भिण्ड के संचालक, 1985 से 1987 तक नगर पालिका परिषद लहार के अध्यक्ष पद पर रहे.
  • वे 1990 में पहली बार 9वीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • 1998 में राज्य मंत्री गृह, 26 अप्रैल 2000 से राज्य मंत्री सहकारिता (स्वतंत्र प्रभार) और 12 अगस्त 2002 से मंत्री सहकारिता विभाग रहे.

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विधानसभा में दूसरे नंबर के सीनियर नेता

सदन में सबसे सीनियर नेता पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव हैं. भार्गव आठवीं बार के विधायक हैं. वे सागर की रहली विधानसभा से चुने जाते हैं. चुनाव जीतने के मामले में वे मध्य प्रदेश में दूसरे नंबर पर हैं. हालांकि, सात बार चुनाव जीतने के मामले में गौरीशंकर बिसेन, करण सिंह वर्मा और विजय शाह भी शामिल हैं.

दिग्विजय सिंह के करीबी हैं डॉ. गोविंद सिंह

डॉ. गोविंद सिंह को दिग्विजय सिंह के करीबी रहे हैं. ये लगातार तीसरा प्रमुख पद है जो दिग्विजय के करीबी को मिला है. हालांकि, इनका नाम कमलनाथ ने ही आगे बढ़या है. इससे पहले प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया और महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल भी दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाते हैं.

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