भोपाल। प्रदेश में होने वाले आगामी 24 उपचुनाव में कर्ज माफी प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है. बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार हमला कर रहे हैं, कि कमलनाथ सरकार ने कर्ज माफी नहीं की है, उन्होंने किसानों के साथ धोखा किया है. इन आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, कर्ज माफी पर झूठ परोसने की बजाय शिवराज सिंह को यह बताना चाहिए कि बाकी किसानों की कर्ज माफी कब शुरू होगी, जो अपनी सरकार में 50 हजार का ऋण माफी का वादा कर मुकर गए, उन्हें कर्ज माफी पर बात करने का हक नहीं है.
कांग्रेस नेता भूपेन्द्र गुप्ता 2008 में बीजेपी का वादा अब तक अधूरा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मुख्यमंत्री इधर-उधर की बात ना करें, कर्ज माफी पर झूठ परोसने के पहले यह बताएं कि किसानों की ऋण माफी की तीसरी चरण की जो प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, वह कब शुरू करेंगे और दूसरे चरण की ऋण माफी की राशि में कब तक खातों में डालेंगे. उन्होंने कहा, शिवराज सिंह के कर्ज माफी पर सवालों के जवाब में कई मंचों पर समय-समय पर दे चुका हूं, कांग्रेस ने कभी किसानों को धोखा नहीं दिया. बल्कि 2008 में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के 50 हजार के ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन बाद में सरकार आने के बाद मुकर गई.
100 झूठ बोले बिना शिवराज को नींद नहीं आती
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा , झूठ बोलने के आदि शिवराज सिंह जब तक दिन में 100 झूठ नहीं बोल लेते हैं, उन्हें नींद नहीं आती है. कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस ने अपना वचन पत्र 5 वर्ष के लिए बनाया था. हम अपने 1-1 वचन को पूरा करने के लिए संकल्पित थे, शपथ ग्रहण के 2 घंटे में ही किसानों के कर्ज माफी की फाइल पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने कहा कांग्रेस के दौरान प्रदेश सरकार ने 20 लाख 23 हजार किसानों के ऋण माफ किए गए, जिसकी सूची भी शिवराज सिंह के निवास पर पहुंचाई थी.
बीजेपी सरकार ने रोकी कर्जमाफी की प्रक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमारे शासन काल में दूसरे चरण में 50 हजार से 1 लाख तक के चालू खाता की ऋण माफी की स्वीकृति जारी की गई थी. इसमें 7 लाख किसान के ऋण माफी की प्रक्रिया पूरी हुई और लगभग 1लाख 87 हजार किसानों के खाते में राशि अंतरण की स्वीकृति भी जारी की गई. शेष किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया जारी थी, लेकिन खरीद-फरोख्त कर अलोकतांत्रिक तरीके से गद्दारों के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार को गिरा दिया गया और उसके बाद किसानों के कर्ज माफ की प्रक्रिया रोक दी गई.
शिवराज कर करेंगे बाकी की कर्जमाफी
कमलनाथ ने कहा, किसानों की ऋण माफी के पूरे तथ्य और प्रमाण हमारे पास तो हैं, साथ ही सरकार में होने के कारण शिवराज सरकार के पास भी पूरा रिकार्ड उपलब्ध है. उन्होंने कहा है कि जहां तक शिवराज सिंह के सवाल हैं, तो किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में सरकार में आने के बाद किए जाने वाले कामों का जिक्र होता है. सरकार में आने के बाद उस पर क्रियान्वयन की प्रक्रिया तय होती है. अब शिवराज सिंह बताएं कि आगे की प्रक्रिया कब चालू होगी.
सूबे के मुखिया से कमलनाथ के सवाल
- द्वितीय चरण के 7 लाख किसानों की ऋण माफी की जो प्रक्रिया हमारी सरकार में प्रारंभ हुई थी, उसे वे कब तक पूरा करेंगे.
- तीसरा चरण जून 1 जून 2020 से प्रारंभ होना था, जिसमें 6 लाख किसानों का ऋण माफ होना था, वह कब से प्रारंभ होगा.
- वर्ष 2008 में ऋण माफ करने का वादा भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किया था, क्या भाजपा ने आज तक एक भी किसान का ऋण माफ किया.
- मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान शिवराज सिंह ने 22 हजार घोषणाएं की थी, वास्तविकता तो यह है कि घोषणाएं मंच से मंत्रालय तक भी नहीं पहुंची. क्या शिवराज सिंह ने उसकी जांच की.
कांग्रेस की प्रथमिकता है किसान हित
कमलनाथ ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने किसानों के हितों का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ रखा था. केंद्र में जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब इतिहास की सबसे बड़ी कर्ज माफी हुई थी और देश के किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया था. अपने 15 साल के कार्यकाल में क्या शिवराज सिंह ने एक भी किसान का कर्ज माफ किया. ऋण के बोझ तले दबे किसानों का दर्द महसूस किया. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के दर्द को न केवल महसूस किया, बल्कि सत्ता में आते ही 33 लाख किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया प्रारंभ की और 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया.