भोपाल।मध्य प्रदेश में 17 दिन से चल रही सत्ता की सियासी रस्साकशी शुक्रवार को खत्म हो गई. 15 महीने पहले बनी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंपकर शायद इस सियासी संग्राम का पटाक्षेप कर दिया. लेकिन सत्ता की इस लड़ाई की स्क्रिप्ट 17 दिन पहले दिग्विजय सिंह के उस बयान से शुरु हुई थी. जिसमें उन्होंने बीजेपी नेताओं पर कमलनाथ सरकार गिराने का आरोप लगाया. ईटीवी भारत आपको सिलसिलेवार मध्य प्रदेश में 17 दिन तक चले इस राजनीतिक संग्राम की कहानी बताने जा रहा है.
3 मार्च- दिग्विजय सिंह का आरोप बीजेपी गिरा रही कमलनाथ सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा पर कांग्रेस विधायकों को खरीदने का आरोप लगाकर कमलनाथ सरकार गिराने का आरोप लगाया.
4 मार्च- दिग्विजय के आरोपों पर कमलनाथ ने जताई सहमति
दिग्विजय सिंह के सरकार गिराने वाले आरोपों पर सीएम कमलनाथ ने भी सहमति जताई, कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी धनबल से सरकार गिराने की कोशिश में जुटी है.
5 मार्च- बीजेपी ने शुरु किया ऑपरेशन लोटस
पांच मार्च को कांग्रेस और निर्दलीय 11 विधायकों के गायब होने की खबर से मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. कांग्रेस ने देर रात तक जद्दोजहद करके 6 विधायकों की वापसी करा दी. लेकिन पांच विधायक गायब रहे.
6 मार्च- कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग का इस्तीफा
कांग्रेस के गायब पांच विधायकों में से विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया. डंग के इस्तीफे के बाद कमलनाथ एक्टिव हुए, विधायकों को भोपाल बुलाया गया और सभी को राजधानी न छोड़ने के निर्देश दिए.
7 मार्च- कांग्रेस का डेमेज कंट्रोल, सिसोदिया के बगावती तेवर
डंग के इस्तीफे के बाद कांग्रेस डेमेज कट्रोल में जुटी थी. लेकिन सिंधिया समर्थक महेंद्र सिंह सोसिदिया के बयान से फिर सियासी भूचाल आया. सिसोदिया ने कहा अगर कमलनाथ सरकार ने सिंधिया की उपेक्षा की तो सरकार पर संकट आ जाएगा.
8 मार्च-बागी विधायक बिसाहूलाल सिंह भोपाल लोटे
8 मार्च को गायब विधायक बिसाहूलाल सिंह अचानक वापस लौट आए. लेकिन बिसाहूलाल ने कहा कि उनकी नाराजगी तब तक दूर नहीं होगी, जब तक वे मंत्री नहीं बन जाते.
9 मार्च- दोबारा शुरु हुआ ऑपरेशन लोटस
कमलनाथ सरकार गिराने की असली शुरुआत 9 मार्च से हुई. ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक करीब 19 विधायक अचानक गायब होने से कांग्रेस में हड़कंप मंच गया. इन विधायकों में 6 मंत्री शामिल थे.
10 मार्च-ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा
10 मार्च का दिन मध्य प्रदेश के सियासी इतिहास में दर्ज हो गया. 17 साल तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. और कमलनाथ सरकार के ताबूत में पहली कील ठोक दी.
11 मार्च- बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए. इधर सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 20 विधायकों ने भी इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को एक ओर झटका दिया.