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सस्ते हवाई सफर को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 राज्यों को लिखा लेटर, वैट घटाने की मांग

नागरिक उड्‌डयन मंत्री (civil aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiradiya scindia) ने गुरुवार को एटीएफ (air turbine fule) एयर टर्बाइन फ्यूल पर वैट घटाए जाने के संकेत दिए हैं. इसके लिए उन्होंने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उप राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के पत्र लिखा है.

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 राज्यों को लिखा लेटर,

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Published : Nov 18, 2021, 5:29 PM IST

भोपाल। नागरिक उड्‌डयन मंत्री (civil aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiradiya scindia) ने गुरुवार को एटीएफ (air turbine fule) एयर टर्बाइन फ्यूल पर वैट घटाए जाने के संकेत दिए हैं. इसके लिए उन्होंने कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उप राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के पत्र लिखा है. आपको बता दें कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश सरकार से भी सिंधिया ने वैट घटाए जाने की मांग करते हुए पत्र लिखा था. इस बार उन्होंने 22 राज्यों को पत्र लिखकर एटीएफ पर वैट घटाने की मांग की है. दरअसल ATF पर वैट की दरें हर राज्य और शहरों में अलग - अलग हैं. ऐसे में छोटी एयर स्ट्रिप्स से विमानों का संचालन महंगा पड़ता है. अभी कई राज्य ऐसे हैं जहां एटीएफ पर वैट की दरें 4 फीसदी से ज्यादा हैं.

कई राज्यों में 4% से कम वैट

सिंधिया की मांग पर दो दिन पहले ही शिवराज सरकार ने प्रदेश के हर जिले में एटीएफ पर वैट कर दरें 25 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दी थी. इससे पहले अक्टूबर में उत्तराखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार ने विमान ईंधन पर वैट घटाया था. उत्तराखंड में एटीएफ पर 2 फीसदी जबकि हरियाणा, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और जम्मू-कश्मीर में यह दर 1 फीसदी है.

मप्र के 4 एयरपोर्ट्स पर हैं नियमित उड़ानें
मध्यप्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो और जबलपुर हवाई अड्‌डों पर एटीएफ पर 4 फीसदी वैट था, जबकि इंदौर (Indore) और भोपाल (Bhopal) में यह 25 फीसदी था. शिवराज कैबिनेट ने अपने एक फैसले में इसे घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. जिसके बाद प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर एटीएफ की दरें समान होंगीं. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के इन्हीं 5 एयरपोर्ट्स पर नियमित रूप से विमानों का संचालन होता है.

क्यों की जा रही वैट घटाने की मांग
आपको बता दें कि भारत में एयरलाइन संचालन में सबसे बड़ा लगभग कुल लागत का 30 से 40 फीसदी हिस्सा जेट फ्यूल (एटीएफ) का होता है. जिसपर अलग अलग राज्यों में वैट की अलग-अलग दरें होने से इसकी कीमत बढ़ जाती है. जिससे एयरलाइंस को नुकसान होता है. इससे पहले कोविड-19 की वजह से देश में लंबे समय तक विमान सेवाएं बंद रही थीं. एयरलाइंस इस नुकसान से अभी तक ये उबर नहीं पाई हैं. जिसके बाद सरकार उन्हें विमान सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए वैट दरें घटाकर राहत देना चाहती है.

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