भोपाल। जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है, यह चर्चा इन दिनों तेज हो चली है, मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय है, लेकिन केंद्र में नए चेहरों को जगह तभी मिल सकती है, जब मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को हटाया जाए. इसलिए यह चर्चा भी जोरों में है, कि फग्गन सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल से आउट हो सकते हैं.
प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार कर सकते हैं. सूत्रों की माने तो 48 घंटे के अंदर ही ये तमाम नए चेहरे मोदी कैबिनेट में शामिल हो जाएंगे और इन तमाम नेताओं को आलाकमान का फोन जा चुका है. इसी क्रम में मंगलवार को गठबंधन के नेताओं का भी दिल्ली पहुंचना जारी रहा. बुधवार शाम को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है.
सांसद राकेश सिंह का राजनीतिक सफर
जबलपुर में राकेश सिंह का जन्म 4 जून 1962 को हुआ था, राकेश सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा जबलपुर में में ही हासिल की. उन्होंने गवर्नमेंट मॉडल साइंस कॉलेज से बीएससी में स्नातक किया. भाजपा नेता राकेश सिंह साल 2000 में जबलपुर जिला बीजेपी के अध्यक्ष बने, जिसके बाद 2004 में जबलपुर संसदीय क्षेत्र से लगभग एक लाख मतों से लोकसभा चुनाव जीते. 2009 में दोबारा लोकसभा चुनाव जीते. 2010 में मध्य प्रेदश के प्रदेश महामंत्री बने और अपनी जिम्मेवारियों को बखूबी निभाया. 2014 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते. 2014 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते. 2018 में मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बने.
सांसद राकेश सिंह लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप भी रह चुके हैं और संसद की कई महत्वपूर्ण कमेटियों के सदस्य भी हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तंखा को लगातार दो बार शिकस्त दी है, राकेश सिंह लगातार लंबे अंतर से जीतते रहे हैं.
सांसद राकेश सिंह की व्यवहारिक विशेषताएं
राजनीति में कदम रखने के बाद से अब तक राकेश सिंह अपनी हाजिर जवाबी के लिए जाने जाते हैं. राजनीतिक करियर में राकेश सिंह की छवि काफी स्वच्छ है. राकेश सिंह ने जबलपुर के संसदीय क्षेत्र में कई विकास कार्य करवाए हैं. राजनीति में लंबी पारी खेलने का श्रेय उनके व्यवहार और जनता के प्रति समर्पण को जाता है.