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कोविड से अनाथ बच्चों की जानकारी 'बाल स्वराज' पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य

कोरोना महामरी की दौरान प्रदेश में हजारों लोगों की मौत हो गई थी, जिसके चलते कई बच्चे अनाथ हो गए थे, ऐसे बच्चों के पालन पोषण के लिए सरकार ने एक योजना के तहत जानकारी मांगी है, ताकि उन बच्चों को योजना का लाभ दिया जा सके.

'Bal Swaraj' Portal
बाल स्वराज पोर्टल

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Published : Aug 9, 2021, 8:32 PM IST

भोपाल। महिला-बाल विकास की संचालक स्वाती मीणा नायक ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की जानकारी नियमित रूप से "बाल स्वराज'' पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं, इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर सूचित किया गया है.

बाल स्वराज पोर्टल

कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की देनी होगी जानकारी

बता दें कि कई जिलों से लगातार शिकायत मिल रही थी की वहां अभी भी पोर्टल पर तमाम जानकारियां अपडेट नहीं की गई हैं, जबकि रिकॉर्ड में तमाम जानकारियां हैं, ऐसे में पोर्टल पर वह तमाम जानकारी नहीं पहुंच पाई, जिसकी आवश्यकता विभाग को होती है.

'बाल स्वराज' पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य

विभाग की संचालक ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनाथ हो चुके बच्चों से संबंधित डाटा 'बाल स्वराज' पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये हैं, उन्होंने बताया कि न्यायालय द्वारा कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के चिन्हांकन के लिये जिला कलेक्टर द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस, चाइल्ड लाइन तथा सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से अभियान चलाया जाने, बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत ऐसे अनाथ बच्चों की जांच प्रक्रिया समय-सीमा में पूर्ण करने और आवश्यक सहायता एवं पुनर्वास की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं.

योजना के जरिए बच्चों को दिया जाएगा लाभ

संचालक स्वाती मीना नायक ने बताया कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए या ऐसे बच्चे, जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है, को वर्तमान शैक्षणिक सत्र में चाहे, वह शासकीय स्कूल हो या निजी, उसी स्कूल में शिक्षा जारी रखने के निर्देश हैं, इसके अतिरिक्त निजी स्कूल में शिक्षा निरंतर रखने में यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, तो बच्चे को शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 अंतर्गत निकट के स्कूल में प्रवेश दिलाए जाने की बात कही है.

'बाल स्वराज' पोर्टल का उद्देश्य बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को पेश किये जाने से लेकर उनके माता-पिता, अभिभावक, रिश्तेदारों को सौंपने और उसके बाद की कार्रवाई तक कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की ट्रैकिंग करना है.

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पोर्टल में प्रत्येक बच्चे के भरे गये डाटा के माध्यम से आयोग इस बारे में जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा कि क्या बच्चा अपनी पात्रता, लाभ और आर्थिक लाभ प्राप्त करने का हकदार है, साथ ही आयोग यह भी जान सकेगा कि बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया है, क्या इन बच्चों को राज्य द्वारा क्रियान्वित योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है या नहीं, साथ ही लाभ देने के लिये वित्तीय सहायता की आवश्यकता है या नहीं.

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