भारतीय बजट का इतिहास 150 साल पुराना और बेहद रोचक है. भारतीय संस्कृति की तरह इसमें रस्म-रिवाज हैं. एक लाइन में समझें तो बजट का मतलब है आय और व्यय का लेखा-जोखा और इसके जरिए सरकार अपनी दिशा और दशा दोनों बताती है. बजट को सरकार की आर्थिक कुंडली कहें तो गलत नहीं होगा.
इन 150 सालों में बजट ने लंबा सफर किया है और इस सफर के दौरान स्वरूप में कई बदलाव भी आए हैं. भारत में सबसे पहले ब्रिटिश काल में साल 1860 में आम बजट पेश हुआ. 18 जनवरी को वाइसराय की परिषद में बजट बनाने और पेश करने का क्रेडिट जेम्स विल्सन को जाता है.
कुछ जरूरी और रोचक फैक्ट्स भारतीय बजट के देखते हैं-
- आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था. इसमें 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 के दौरान साढ़े सात महीनों को शामिल किया गया.
- आरके षणमुखम चेट्टी ने 1948-49 के बजट में पहली बार अंतरिम शब्द का प्रयोग किया तब से लघु अवधि के बजट के लिए इस शब्द का इस्तेमाल शुरु हुआ.
- वक्त को लेकर भी रोचक तथ्य ये है कि 1924 से लेकर 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यकारी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था यह प्रथा सर बेसिल ब्लैकैट ने 1924 में शुरु की थी. 2000 में पहली बार यशवंत सिन्हा ने बजट सुबह 11 बजे पेश किया.
बजट की छपाई- बजट पेपर पहले राष्ट्रपति भवन में ही छापे जाते थे, लेकिन 1950 में पेपर लीक हो जाने के बाद से इन्हें मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगा. 1980 से बजट पेपर नॉर्थ ब्लॉक में प्रिंट होने लगे. शुरुआत में बजट अंग्रेजी में बनाया जाता था, लेकिन 1955-56 से बजट दस्तावेज हिन्दी में भी तैयार किए जाने लगे.
गोपनीयता- बहुत रोचक है ये. बजट छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है. इस रस्म के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते. इस दौरान वे परिवार से भी दूर रहते हैं और वित्त मंत्रालय में ही रुकते हैं. गोपनीयता बरतने के लिए इस दौरान नॉर्थ ब्लॉक में पॉवरफुल मोबाइल जैमर भी लगाया जाता है, ताकि जानकारियां लीक न हो सकें.
कब-कब प्रधानमंत्री ने पेश किया बजट-1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया, उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था. ऐसा करने वाले वे देश के पहले प्रधानमंत्री बने. नेहरू के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी और नाती राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया.पहली महिला वित्तमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 1970 में आम बजट पेश किया था. उस समय वे देश की प्रधानमंत्री थीं तथा वित्त मंत्रालय का प्रभार भी उनके पास ही था. भारत के इतिहास में वे इकलौती महिला हैं, जिन्होंने आम बजट पेश किया. सबसे ज्यादा रोचक तो ये फैक्ट है कि मोरारजी देसाई ने अब तक सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया है. 6 बार वित्तमंत्री और 4 बार उपप्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसा किया. इनमें 2 अंतरिम बजट शामिल हैं. अपने जन्मदिन पर 2 बार बजट पेश करने वाले वे एकमात्र वित्तमंत्री रहे हैं. देसाई का जन्मदिन 29 फरवरी को है, जो कि 4 साल में एक बार ही आता है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी वित्तमंत्री के रूप में 7 बार बजट प्रस्तुत कर चुके हैं.