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Indian Independence Day जानिए 75 बरस पहले आवाम तक कैसे पहुंची थी आजादी की आवाज - आज़ादी का अमृत महोत्सव

कभी आपके जहन में ये ख्याल आया कि 15 अगस्त 1947 की सुबह अखबारों की सुर्खियां क्या रही होंगी. सदियों की दासता के बाद अखबारों ने देश की जनता तक आजादी की खबर किस तरह से पहुंचाई होगी. पढ़िए ये लेख. Indian Independence Day Achievements75

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भारतीय स्वतंत्रता दिवस

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Published : Aug 10, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 10:52 PM IST

भोपाल।मिनट भर को भूल जाइए कि 75 बरस गुज़र चुके हैं. आप उस सुबह में खड़े हो जाइए, जो साधारण नहीं थी. वाकई उस सुबह लंबी काली रात से भारत जागा था. उस दिन जैसा सूरज फिर इन बीते 75 सालों में कभी नहीं उगा. उस दिन जैसी रौशनी इन बीते 75 सालों में फिर कभी नहीं आई. वो सुबह केवल सुबह नहीं थी, वो सुबह हज़ार साल की दासता तोड़ते हुए आई थी. उस सुबह में जाने कितने देशभक्तों का त्याग और तपस्या दफ्न थी. उस सुबह अखबारों की हैडलाइन्स अलग-अलग ढंग से बयान कर रही थीं. बता रहीं थी कि 15 अगस्त 1947 की सुबह बाकी दिनों से क्यों अलग है. उस 15 अगस्त की कल्पना कीजिए और हकीकत में देखिए कि उस रोज़ अखबारों ने कैसे ये बहुप्रतीक्षित सूचना, ये सबसे बड़ी खबर हर भारतीय तक पहुंचाई थी.

शताब्दियों की दासता के बाद भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात

हिंदुस्तान ने लिखा भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात:हिंदुस्तान अखबार में उस दिन पहले पन्ने की हैडलाईन थी- "शताब्दियों की दासता के बाद भारत में स्वतंत्रता का मंगल प्रभात. बापू की चिर तपस्या सफल." नीचे एक दूसरी खबर में नेहरू जी का बयान दर्ज था. वो बयान था - "जब तक जनता की आंखों में आंसू की एक भी बूंद है, हमारा काम पूरा नहीं होगा ". अखबार ने लिखा रात 12 बजे शंखध्वनि के साथ स्वतंत्रता की घोषणा. हिंदुस्तान ने पहले ही पन्ने पर तस्वीर भी लगाई थी. तस्वीर में ग्रामीण परिवेश में एक बच्चा तिरंगा फहराते दिखाई दे रहा था.

दैनिक प्रताप

वीर अर्जुन ने बताया- लंदन में भारतीय कार्यालय बंद :इधर भारत आज़ाद हुआ और उधर लंदन स्थित भारतीय कार्यालय का अस्तित्व समाप्त हो गया. वीर अर्जुन की खबर ये भी थी कि आज रात 12 बजते ही अर्ल लिस्टोवल भारत के मंत्री के पद का परित्याग कर देंगे. वीर अर्जुन की ही खबर थी कि स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में गांधी जी 24 घंटे का उपवास करेंगे, सारा दिन चरखा कातेंगे और प्रार्थना करेंगे. साप्ताहिक समाचार पत्र कर्मवीर में पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का संपादकीय भी था.

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पाकिस्तान के द डॉन में कायदे आज़म का संदेश :पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार "द डॉन" ने 15 अगस्त 1947 को कायद-ए-आज़म का संदेश छापा था. उस दिन के अखबार में ये लेख भी था कि पाकिस्तान अब विभाजन के बाद हर मोर्चे पर कैसे आगे बढ़ेगा. बाकी रियासतों के जो गजट इस दिन प्रकाशित हुए, उनमें पवार सरकार के देवास गजट में आज़ादी का संदेश दर्ज था.

पाकिस्तान का सबसे बड़े अखबार

बंटवारे पर स्टेट्समैन,पार्टिंग बिटविन फ्रेंड्स :अंग्रेजी दैनिक द स्टेट्समैन ने पहले पन्ने पर सूचना दी कि मिडनाइट सेशन ऑफ कॉन्स्टीट्यूएंट असेम्बली इन न्यू देहली. पहले ही पन्ने पर लार्ड माउंटबैटन का बयान भी था, जिसमें बंटवारे का ज़िक्र करते हुए वे कहते हैं- " दिस इज़ अ पार्टिंग बिटविन फ्रेंड्स हू हेव लिडेड टू ऑनर एण्ड रिस्पेक्ट वन अनदर इवन इन डिसएग्रीमेंट".

माधव सप्रे संग्रहालय

सप्रे संग्रहालय ने संजोई आज़ादी की पहली सूचना:माधव सप्रे संग्रहालय के पास 15 अगस्त 1947 के दिन प्रकाशित हुए देश के कई प्रतिष्ठित अखबारों की मूल प्रति मौजूद है. जिसे इस आज़ादी के 75 वें अमृत महोत्सव के मौके पर प्रदर्शनी के रूप में दिखाया जा रहा है. माधव सप्रे संग्रहालय के संस्थापक विजय दत्त श्रीधर कहते हैं, "जब हम अखबार की इबारत के सामने खड़े होते हैं, तो उस पल के इतिहास का रोमांच महसूस कर सकते हैं. 15 अगस्त 1947 के इन अखबारों से गुज़रना एक बार फिर उस दिन में खड़ा हो जाना है. जब देश हज़ारों साल की गुलामी के बाद आज़ाद सुबह देख रहा था."
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Last Updated : Aug 10, 2022, 10:52 PM IST

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