भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए एम्स भोपाल के साथ मिलकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च राजधानी के हॉटस्पॉट एरिया में एक सर्वे करने जा रहा है. जिसे सीरो सर्वे कहा गया है. आज दिल्ली से टीम यहां पहुंचेगी. सर्वे के लिए लोगों को दो कैटेगरी में बांटकर उनकी रेंडम सैंपलिंग की जाएगी.
भोपाल में आईसीएमआर करेगी सीरो सर्वे, 2 कैटेगरी में बांटकर की जाएगी सैंपलिंग
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, एम्स भोपाल के साथ मिलकर राजधानी के हॉटस्पॉट एरिया में सीरो सर्वे करेगी. इस सर्वे में एम्स और एनसीडीसी के साथ ही राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल रहेंगे.
इस सर्वे से पता लगाया जाएगा कि पॉजिटिव मिले लोगों के अलावा क्षेत्र में कितने ऐसे लोग हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, लेकिन वो बिना इलाज के ही अपने आप ठीक हो गए. सीरो सर्वे से ब्लड सैम्पल के एंटीबॉडीज टेस्ट की अहम जानकारी मिल जाती है. इससे शरीर में उन एंटीबॉडीज का पता चलता है जो ये बताती हैं कि व्यक्ति वायरस का शिकार हुआ था या नहीं.
सीरो सर्वे के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बनाई कोविड कवच एलिसा किट्स का इस्तेमाल किया जाएगा. सर्वे में लोगों की 2 कैटेगरी में बांटकर सैंपलिंग की जाएगी, पहली केटेगरी में फ्रंट लाइन वर्कर्स, पुलिस, केंद्रीय बल, स्वास्थ्य विभाग के सैम्पल लिए जाएंगे. इसके अलावा शहर के हॉटस्पॉट और दूसरे इलाकों से अलग-अलग लोगों के सैम्पल लेकर पोजिटिविटी रेट का पता लगाया जाएगा.