भोपाल। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की समीक्षा की. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश में बेड और इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) को बढ़ाया जाएगा. मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल और अन्य बड़े शहरों में इलाज के लिए आने वाले मरीज अपना इलाज जिला स्तर पर ही करवा सकें, इसके लिए जरूरी कदम उठाया जाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न हो, आवश्यक हो तो प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग में लाई जा रही ऑक्सीजन का भी इलाज में प्राथमिकता से उपयोग होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क के उपयोग की अनिवार्यता भी सुनिश्चित हो, इसके लिए भी अभियान चलता रहे. साथ ही प्रत्येक जिले में कंट्रोल कमांड केंद्र सक्रिय हो, यहां डॉक्टर भी परामर्श देने के लिए उपलब्ध रहें.
जागरुकता अभियान
सीएम शिवराज ने कहा, अनलॉक के बाद अब बाजार खुल रहे हैं, साथ ही चुनौती भी बढ़ रही है. इसलिए निरंतर सावधानियां बरती जाएं. बसों में यात्री अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, यह परिवहन विभाग सुनिश्चित करे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्देशित किया कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नगरीय निकाय और ग्रामीण पंचायतें जन जागरुकता अभियान चलाएं.
महानगरों में व्यवस्था पुख्ता हो
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लगातार प्रदेश में ये देखने आ रहा है कि लोग इलाज के लिए महानगरों का रुख कर रहे हैं, ऐसे में महानगरों में दबाव बढ़ रहा है. साथ ही लोगों को भी परेशान होना पड़ रहा है. ऐसे में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में व्यवस्थाएं पुख्ता की जाएं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान दे कि मरीजों को महानगरों की ओर न आना पड़े.
76 प्रतिशत हुआ रिकवरी रेट
बैठक में बताया गया कि इस समय प्रदेश में रिकवरी रेट 76 प्रतिशत है. मध्यप्रदेश में मृत्यु दर भी कम हुई है. प्रदेश में मृत्यु दर 2.4 से 1.4 प्रतिशत हुई है. इस समय मध्यप्रदेश में करीब 17 हजार एक्टिव केस हैं. मध्यप्रदेश में लगभग 40 फीसदी रोगी घरों में क्वारेंटाइन होकर उपचार करा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश में निजी अस्पतालों की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है.
बुजुर्गों को आईसीयू बेड की प्रथमिकता
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आईसीयू बेड की उपलब्धता प्राथमिकता से की जा रही है. प्रदेश में बेड समस्या नहीं है, लेकिन भविष्य के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं. इस समय भोपाल, इंदौर जैसे शहरों में आईसीयू बेड लगभग 55 फीसदी भरे हुए हैं. अब फीवर क्लीनिक बनाए जा रहे हैं, जहां सेंपल दिया जा सकेगा. इसके साथ ही कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत अस्पताल दाखिल रोगी को व्यय हुई राशि का बिल अनिवार्य रूप से देंगे.