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कोरोना प्रबंधन को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब, 2 सप्ताह में मांगा स्पष्टीकरण

इंदौर में तेजी से फैले संक्रमण और लॉकडाउन के समय बरती गई अनियमितता के लेकर हाई कोर्ट ने सरकार से जबाब तलब किया है और 2 सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है.

High Court
हाई कोर्ट

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Published : Aug 24, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 8:14 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में इंदौर में कोरोना के प्रबंधन के मामले में सुनवाई हुई, सुनवाई के बाद कोर्ट ने लापरवाही को लेकर मध्यप्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में सूचना का अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे ने याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने 20 अगस्त को सरकार से जवाब मांगा था और 21 अगस्त को यह याचिका हाई कोर्ट जबलपुर के लिए स्थानांतरित कर दी थी.

आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे

इंदौर शहर में कोरोना संक्रमण फैलने और संक्रमितों और मृतकों के आंकड़ों में गड़बड़ी, स्वास्थ्य विभाग की खरीदी में भ्रष्टाचार, लॉकडाउन में प्रतिबंधित गुटखा परिवहन की अनुमति जैसे मुद्दों को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट मध्य प्रदेश ने सरकार से 2 सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ ने की है.

अजय दुबे ने बताया कि कलेक्टर मनीष सिंह सहित जिला प्रशासन के मनमाने फैसलों के कारण इंदौर में कोरोना फैलता गया और इंदौर देश के हॉटस्पॉट की सूची में शामिल हो गया. केंद्र सरकार की सख्त गाइडलाइन के बावजूद लॉकडाउन में प्रतिबंधित गुटखा, पान मसाला की परिवहन की परमिशन मिलती रही. इंदौर में शुरुआत में कोरोना की टेस्टिंग की गति धीमी रही, वहीं मृतकों की आंकड़ों में हेराफेरी करके जनता को गुमराह किया गया.

Last Updated : Aug 24, 2020, 8:14 PM IST

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