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Corruption Dam MP बांध और पुल चढ़े भ्रष्टाचार की भेंट, अंग्रेजों के जमाने के पुल अभी भी सुरक्षित - मध्यप्रदेश में घोटाले के मामले

मध्यप्रदेश में इस साल की बारिश ने बांध और पुलों में हुए भ्रष्टाचार को जनता के सामने उजागर कर दिया. कमीशनखोरी का नतीजा ये है कि ब्रिज ताश के पत्तों की तरह ढह रहे हैं, बांध फूटने को तैयार हैं. नहरें जवाब देने लगी हैं. ताजा मामला धार में कारम डैम का है. 304 करोड़ से का बनाया बांध भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. दो दिन से हो रही बारिश ने कई और जिलों के बांधों की पोल खोल कर दी है. उमरिया का बांध भी कारम डैम की तरह रिस गया है. यहां भी धार जिले के डैम की तर्ज पर कई जेसीबी से बांध के एक हिस्से को तुड़वा कर पानी निकाला जा रहा है. Heavy corruption in Madhya Pradesh, Corruption in construction dams, Corruption construction bridge MP

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बांध और पुल बनाने में घोटाला

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Published : Aug 23, 2022, 3:30 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं. भ्रष्टाचार और घोटाले के मामले सामने आते हैं. जांच के नाम पर कमेटी बनाई जाती हैं और फिर ये जांच रिपोर्ट कहां दफन हो जाती है, कहीं कोई पता नहीं चलता. धार जिले के कारम डैम के रिसाव का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि सार्थी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा टीकमगढ़ में बनाई गई हरपुरा नहर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं. इस नहर का निर्माण कार्य पूर्व मंत्री जयंत मलैया के कार्यकाल में ₹41करोड़ से करवाया गया था. 14 तालाबों को जोड़कर नहर बनवाई गई है, लेकिन सार्थक कंपनी का इतना घटिया निर्माण था कि पहले टेस्टिंग में ही फेल हो गया. यह देश की पहली नदी-तालाब जोड़ो परियोजना है.

2021 में ये पुल बहे :

  • रतनगढ़ बसई का पुल 2010 में बना, लागत छह करोड़
  • इंदरगढ़ पिछोर का पुल 2012 में बना लागत 10.5 करोड़
  • दतिया सेवड़ा पर 1982 में पुल बना, ढह गया
  • श्योपुर जिले में गिरधपुर मानपुर में 1985 पुल बना, 1985 में पुल ढहा
  • श्योपुर बडौदा पर 2013 में पुल बना लागत आई 3.96 करोड़
  • भिंड के गोरई- अडोखर में 2017 में बना पुल, लागत 13.7 करोड़, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा
  • बेगमगंज में बीना नदी पर नवनिर्मित पुल 3 फीट धंस गया, लागत ढाई करोड़
    बांध और पुल बनाने में घोटाला

भोपाल- मंडीदीप पुल का एक हिस्सा बारिश में ढहा :पिछले साल में हुई बारिश से करोड़ों की लागत से बने ग्वालियर चंबल इलाके के 6 पुल- पुलिया ढह गए थे, इनमें से चार का निर्माण 10 से 11 साल पहले हुआ था, जांच के लिए सरकार ने कमेटी बनाई ,क्या हुआ, किसी को कुछ पता नहीं. पिछले साल इस इलाके के पुल-पुलिया बहने से 1500 गांव प्रभावित हुए थे. भोपाल -होशंगाबाद रोड एनएच 46 पर बना पुल का एक हिस्सा धंस गया. इसकी 20- 20 मीटर की रिटेनिंग वॉल के साथ पुल का हिस्सा भी पानी में बह गया. पुल के बड़े हिस्से में क्रैक पड़ गए. इस पुल को अक्टूबर 2020 में बनकर तैयार किया गया था. इसका निर्माण सीडीएस न्यू दिल्ली कंस्ट्रक्शन ने किया था. कार्रवाई के नाम पर एक इंजीनियर को सस्पेंड किया गया. निर्माण एजेंसी सीडीएस इंडिया और कंसलटेंट थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया
Question Caram dam agency कारम बांध बनाने वाली एजेंसी की टीकमगढ़ में बनाई नहर फूटी, कांग्रेस ने साधा शिवराज सरकार पर निशाना

डेढ़ सौ साल पुराने अंग्रेजों के बनाए पूल अभी भी सुरक्षित :नेशनल हाईवे अथॉरिटी के मुताबिक मध्य प्रदेश में नेशनल हाईवे पर डेढ़ सौ साल पुराने पुल- पुलिया और रपटे हैं, लेकिन अभी भी इतनी बारिश के बावजूद ये सलामत हैं. मध्य प्रदेश की 110 से ज्यादा सड़कों पर ये पुल- पुलिया हैं. अंग्रेजों के जमाने के 400 से 500 ब्रिज पर अभी आवागमन हो रहा है.


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