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Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहा है अत्यंत शुभ योग, जानिए बजरंगबली की व्रत कथा और उन्हें खुश करने का तरीका

16 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी, आइए आपको बताते हैं ​हनुमान जी की व्रत कथा, शुभ मुहूर्त और योग. इसी के साथ जानेंगे कि बजरंगबली को जन्मोत्सव के दिन कैसे खुश कर सकते हैं.(Hanuman Jayanti 2022) (Hanuman Jayanti vrat story)

Hanuman Jayanti 2022
हनुमान जयंती व्रत कथा

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Published : Apr 13, 2022, 10:58 AM IST

Updated : Apr 18, 2022, 1:26 PM IST

भोपाल। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है, इस बार ये 16 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा. शनिवार का दिन होने से इस बार हनुमान जयंती और भी खास हो गई है. कोरोना महामारी के बाद यह पहली हनुमान जयंती है इसलिए राज्य में अधिकतर मंदिरों में यह धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन कई भक्त बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं. (Hanuman Jayanti 2022) (Hanuman Jayanti vrat story)

भक्तों की हर पीड़ा करते हैं पवन पुत्र :हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार श्री हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के पूर्णिमा में मंगलवार के दिन हुआ था, इसके साथ ही हनुमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था. हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी पुकारा जाता है. माना जाता है कि, भगवान श्री राम की पूजा आराधना करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भगवान श्री राम के भक्तों की हर पीड़ा को दूर करते हैं. यह भी मान्यता है कि जिस घर में भगवान श्री हनुमान की पूजा आराधना रोज होती है, उस घर में कोई भी नकारात्मक शक्तियों का वास नहीं होता है. क्या आपको पता है कि भगवान श्री हनुमान का जन्म कैसे हुआ.. आइए हम अपको बताते हैं. (Lord Hanuman Birth Story)

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​हनुमान जी की व्रत कथा :पौराणिक कथा के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ जी ने जब पुत्रेष्टि हवन कराया था, तब उन्होंने प्रसाद स्वरूप खीर अपनी तीनों रानियों को खिलाई थी. उस खीर का एक अंश एक कौआ लेकर उड़ गया और वहां पर पहुंचा, जहां माता अंजनी शिव तपस्या में लीन थीं. मां अंजनी को जब वह खीर प्राप्त हुई तो उन्होंने उसे शिवजी के प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया. इस घटना में भगवान शिव और पवन देव का योगदान था. प्रसाद को ग्रहण करने के बाद माता अंजनी के घर हनुमान जी का जन्म हुआ. हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्रवतार माने गए हैं. माता अंजनी के कारण हनुमान जी को आंजनेय, पिता वानरराज केसरी के कारण केसरीनंदन और पवन देव के सहयोग के कारण पवनपुत्र आदि नामों से जाना जाता है. (Hanuman Jayanti vrat story)

ये है हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त और योग :हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त और योग: इस बार पूर्णिमा 16 अप्रैल को देर रात 02 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 17 अप्रैल को सुबह 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगी, ऐसे में सुबह पूजा-पाठ करना सर्वोत्तम है. 16 अप्रैल को सुबह 5:55 मिनट से 08:40 तक रवि योग रहेगा. रवि योग शुभ योगों में गिना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस योग के दौरान मांगलिक कार्य भी किए जा सकते हैं. इस योग में हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं, साथ ही रामचरितमानस और बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किन्धा कांड, सुन्दर कांड, लंका कांड एवं उत्तरकांड का भी विशेष पाठ कर के भी आप बजरंगबली को प्रसन्न कर सकते हैं. (Hanuman Jayanti Shubh Muhurat)

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हनुमान जी को ऐसे करें खुश : बजरंगबली से आशीर्वाद पाने और उन्हें खुश करने के लिए आप कई तरह के मिष्ठान, फल आदि का भोग उन्हें लगा सकते हैं. इसमें बेसन के लड्डू, तुलसी के बीज, बेसन का हलवा आदि शामिल हैं. इसके अलावा जलेबी का भोग, मोतीचूर के लड्डू का भोग, लौंग आदि भी हनुमान जी की पसंद की चीजें बताई जाती हैं. इसके साथ ही हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सिंदूर का लेप लगाने की भी परंपरा है. (Hanuman Jayanti 2022 Puja Vidhi)

Last Updated : Apr 18, 2022, 1:26 PM IST

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