भोपाल/सीहोर। सीहोर-आष्टा के बीच छात्रों द्वारा कोठरी स्थित वीआइटी (वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी) में हनुमान चालीसा पढ़ने पर जुर्माना लगाए जाने पर विवाद बढ़ गया है. असल में पूरा मामला गुणवत्ताहीन भोजन-पेयजल और अव्यवस्थाओं से जुड़ा है, जिसकी शिकायत की सुनवाई प्रबंधन द्वारा नहीं किए जाने पर बीटेक द्वितीय वर्ष के कुछ छात्रों ने छात्रावास के कमरे में हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिसकी दूसरे धर्मों के छात्रों ने प्रबंधन से शिकायत कर दी. इसके बाद प्रबंधन ने सात छात्रों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया. छात्रों ने जुर्माने का विरोध किया, जिसके बाद प्रबंधन और छात्रों के बीच तकरार बढ़ गई. वीआईटी विश्वविद्यालय में शांति बनाए रखने के लिए जारी ने नोटिस को जायज ठहराया है.
वीआईटी विश्वविद्यालय ने नोटिस को जायज ठहराया छात्र हिंदुस्तान में हनुमान चालीसा नहीं पढ़ेंगे तो कहां पढ़ेंगे. छात्रों को समझाइश दी जा सकती है, छात्रों पर जुर्माना नहीं लगेगा. मामले की जांच के आदेश कलेक्टर को दिए हैं.
- नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री
हनुमान चालीसा पढ़ने पर बढ़ा विवाद: वीआईटी इंस्टीट्यूट में हनुमान चालीसा पढ़ने पर जुर्माना लगाने के बाद मामला गरमाने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल इंस्टीट्यूट पहुंच गया. छात्र संस्थान प्रबंधन से वादे के अनुसार फ्री वाईफाई, अच्छे भोजन की मांग कर रहे थे. छात्रों ने आरोप लगाया कि छात्रावास में गुणवत्ताहीन भोजन और दूषित पानी मिल रहा है, जिससे कई छात्र को फूड पाइजनिंग भी हो गई है. जिसपर शिवराज सरकार ने संज्ञान लिया है. छात्रों पर जुर्माना वापस करने के सरकार ने कॉलेज प्रबंधन को निर्देश दिए हैं.
नरोत्तम मिश्रा बोले नहीं लगेगा कोई जुर्माना: वीआईटी में सात छात्रों पर हनुमान चालीसा पढ़ने के कारण पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाए जाने पर मामले में शिवराज सरकार ने संज्ञान लिया है. जब यह बात कैंपस के बाहर पहुंची तो मामले ने तूल पकड़ लिया. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीहोर कलेक्टर को मामले की जांच के निर्देश दिए. नरोत्तम मिश्रा ने प्रबंधन की कार्रवाई पर आपत्तिजनक जताते हुए कहा कि, हनुमान चालीसा हिंदुस्तान में नहीं पढ़ा जाएगा तो कहां पढ़ा जाएगा? सरकार ने कॉलेज प्रबंधन को छात्रों पर तय किया गया जुर्माना वापस करने के निर्देश दिए हैं.
वीआईटी विश्वविद्यालय ने नोटिस को जायज ठहराया: विश्वविद्यालय की ओर से जारी किए गए नोटिस को सही ठहराते हुए कहा गया है कि, छात्रावास की अनुशासनात्मक समिति ने पूछताछ में पाया कि बिना परमिशन लिए सामूहिक सभा का आयोजन कर शोर शराबा किया गया, जिससे छात्रावास में अन्य छात्रों को शांति काल के दौरान परेशानी हुई. इसके मद्देनजर छात्रों को सलाह दी गई कि विश्वविद्यालय के अनुशासन का पालन करें. शांत वातावरण बनाए रखने में सहयोग करें और भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि को न दोहराएं.