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क्या करें-क्या न करें : अधूरी तैयारी के बीच प्रदेश में कैसे बिकेगी हॉलमार्किंग ज्वेलरी - मध्य प्रदेश में हॉलमार्किंग ज्वेलरी

बाजार में सिर्फ हॉलमार्किंग ज्वेलरी बेचने वाले कानून को फिलहाल 15 जून से लागू किया जाएगा. प्रदेश के सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि अधूरी व्यवस्था के बीच सरकार कैसे इस नियम को लागू करा पाएगी.

hallmarking of jewellery
सिर्फ हॉलमार्किंग ज्वेलरी ही बिकेंगी बाजार में

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Published : Jun 4, 2021, 7:27 PM IST

Updated : Jun 4, 2021, 8:44 PM IST

भोपाल। देश भर में एक जून से सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही बिकने का प्रावधान तय था, लेकिन इसकी तारीख 15 जून तक बढ़ा दी गई है. यानि अब हॉलमार्किंग ज्वेलरी ही बाजार में बेची जा सकेगी. बावजूद इसके मध्य प्रदेश में हॉलमार्किंग को लेकर तैयारियां अधूरी ही नजर आ रही है.

दरअसल, प्रदेश भर में ज्वेलर्स की तादाद 50 हजार से अधिक है, लेकिन हॉलमार्किंग का लाइसेंस केवल 2 प्रतिशत के पास ही है. इन हालातों में सर्राफा व्यवसायी संगठन एक बार फिर हॉलमार्किंग ज्वेलरी अनिवार्यता की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

सिर्फ हॉलमार्किंग ज्वेलरी ही बिकेंगी बाजार में

अधूरी तैयारी के साथ कैसे लागू होगा कानून

सोने के आभूषण पर हॉलमार्क कानून लागू किए जाने की तारीख 15 जून नजदीक आ रही है, लेकिन सरकार और ज्वेलर्स की तैयारी अधूरी है. कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति के कारण पशोपेश बढ़ गया है. पिछले डेढ़ साल से कारोबार ठप होने से सोने के कारोबारियों ने हॉलमार्क लाइसेंस लेने में रुचि नहीं ली है. प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा ज्वेलर्स हैं, लेकिन हॉलमार्क मुश्किल से एक हजार कारोबारियों के पास भी नहीं है.

प्रदेश में केवल दो दर्जन हॉलमार्क सेंटर

सर्राफा एसोसिएशन केंद्र सरकार से हॉलमार्क की अनिवार्यता लगातार आगे बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं. इसके लिए कई तर्क दिए गए हैं. उनमें एक यह भी है कि प्रदेश में अभी हॉलमार्क सेंटर ही नहीं खुल पाए हैं. भोपाल, इंदौर, जबलपुर में ही ये सेंटर खुल पाए हैं. बताया जाता है कि अब मात्र डेढ़ से दो दर्जन सेंटर ही खुल पाए हैं, जबकि हर शहर में ये होंगे तभी ज्वेलर्स हॉलमार्क के लिए प्रेरित होंगे. इन सेंटर पर ही आभूषणों पर हॉलमार्क की सील लगती है. भोपाल सर्राफा एसोसिएशन के प्रवक्ता नवनीत अग्रवाल का कहना है कि सभी राज्यों की ओर से मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि कोविड को देखते हुए कानून अभी टाल दिया जाए.

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नॉन हॉलमार्क ज्वैलरी का स्टॉक कैसे होगा क्लीयर

कोरोना काल के दौरान नॉन हॉलमार्क की ज्वेलरी का स्टॉक ज्यादा हो गया है. व्यापारियों का कहना है कि यदि हॉलमार्क लागू कर दिया गया तो फिर इतनी जल्दी नॉन हॉलमार्क ज्वेलरी का स्टाक का क्या होगा और इससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. व्यापारियों के मुताबिक यदि समयावधि बढ़ा दी जाती है तो ज्वेलरी का स्टाक भी क्लीयर हो जाएगा और कारोबारी भी जागरूक हो जाएंगे.

लॉकडाउन ने बदल दिए हालात

प्रदेश के प्रमुख शहरों में ज्वैलर्स के बीच हॉलमार्क लाइसेंस के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए व्यापारियों को समझाइश दे रहा है, लेकिन पिछले दो महीने से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन सहित प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहरों में कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन की स्थिति बन जाने से हालात बदल गए हैं.

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कई बार बढ़ चुकी है तारीख

हॉलमार्किंग एक जून से अनिवार्य होने वाली थी, हालांकि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए इसके लागू करने की तारीख को बढ़या दिया गया था. देश में भर में अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने की तारीख कई बार बढ़ाई जा चुकी है. इसे इस साल जनवरी में लागू होना था, लेकिन कोरोना की वजह से इसे 1 जून कर दिया गया था. फिर इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है.

क्या होती है हॉलमार्किंग

हॉलमार्किंग सोने, चांदी और प्लेटिनम की शुद्धता को प्रमाणित करने का एक तरीका है. विश्वसनीयता प्रदान करने का एक माध्यम है. हॉलमार्किंग की प्रक्रिया पूरेे देश में मौजूद हॉलमार्किंग सेंटरों पर की जाती है. इसकी निगरानी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा होती है. यदि ज्वैलरी पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है. नियम के अनुसार, बिना हॉलमार्क के गहने बेचने पर एक लाख से लेकर ज्वेलरी के दाम के 5 गुना तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. धोखाधड़ी पर जुर्माना के साथ एक साल तक की कैद भी हो सकती है.

Last Updated : Jun 4, 2021, 8:44 PM IST

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